कानपुर: सजेती गैंगरेप और पीड़िता के पिता की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस सवालों के घेरे में है. पहले पुलिस ने रेप की एफआईआर दर्ज करने में सुबह से शाम कर दिया. रात में पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया और दोबारा पूरे परिवार को सीएचसी बुलवाया. यहां पर पीड़िता को भी रातभर रखा गया. आरोपी के परिजनों ने पीड़िता के परिजनों को कार्रवाई नहीं करने के लिए धमकाया था. अब डीआईजी ने मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दो दारोगा सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.
सजेती की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के पिता की घाटमपुर सीएचसी के बाहर हाईवे पर बुधवार सुबह ट्रक से कुचलकर मौत हो गई थी. आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने करीब छह घंटे तक हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया. इससे हजारों वाहन फंस गए. अधिकारियों के समझाने के बाद लोग माने और जाम खोला. लापरवाही का आलम ये था कि शुरुआती मेडिकल के बाद पौने आठ बजे डॉक्टरों ने पीड़िता को मेडिकल के लिए कांशीराम अस्पताल चकेरी रेफर कर दिया. यहां पर डॉक्टरों ने पीड़िता जांच की. यहां से पीड़िता और उसके परिजन रात करीब 11 बजे सजेती थाने पहुंचे. परिजनों के मुताबिक कुछ देर बाद घाटमपुर पुलिस ये कहकर उनको ले गई थी कि सीओ घाटमपुर ने बुलाया है. फिर घाटमपुर सीएचसी में सभी को रुकवाया गया. पीड़िता को भी वहीं भर्ती कराया. पुलिस ने ऐसा क्यों किया, इसका जवाब नहीं है. परिजनों ने सीधे तौर पर घाटमपुर सीओ गिरीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
पुलिस ने मामले की एफआईआर दर्ज करने में भी लापरवाही बरती थी. मामला दारोगा के बेटे से जुड़ा होने की वजह से पुलिस शिकायत लेकर थाने पहुंचे परिजनों को सुबह से शाम तक बैठाए रही. वहीं कन्नौज में तैनात दारोगा देवेन्द्र यादव के दूसरे बेटे ने कार्रवाई नहीं करने के लिए पीड़िता के परिजनों को धमकाया था. पुलिस ने शिकायत के बाद गैंगरेप के आरोपी दारोगा पुत्र दीपू यादव उसके साथी गोलू के साथ दारोगा के दूसरे बेटे पर मामला दर्ज किया था.
गैंगरेप पीड़िता के पिता की ट्रक से कुचलकर मौत के बाद सूबे में इस कांड की गूंज सुनाई पड़ने लगी. सीएम ने मामले का संज्ञान लिया. जिसके बाद पीड़ित परिवार को जिलाधिकारी ने पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया. इसके साथ ही पीड़ित परिवार को जमीन का पट्टा दिलाने का भरोसा भी दिया गया. गैंगरेप पीड़िता के पिता की मौत के बाद पुलिस ने परिजनों की तहरीर के आधार पर दारोगा देवेन्द्र यादव और उसके साथियों पर मामला दर्ज कर लिया है. डीआईजी ने मामले में लापरवाही बरतने वाले दो दारोगा सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. डीआईजी ने पुलिसकर्मियों पर लग रहे आरोपों की जांच एसपी ग्रामीण को सौंपी है.