देश के मशहूर शायर मुनव्वर राना की तबीयत अचानक खराब हो गई है. उन्हें लखनऊ स्थित पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गुरुवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. महर्षि वाल्मीकि पर विवादित बयान देने को लेकर उनके खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में केस दर्ज कराया गया था. मुनव्वर राना लंबे समय से आयु संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं. एक अरसे से वे सार्वजनिक मंचों पर नजर नहीं आ रहे हैं. अब उनका इलाज पीजीआई अस्पताल में जारी है. उन्हें कल रात से ही तकलीफ थी, जिसके बाद शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
गौरतलब है कि मुनव्वर राना कानूनी तौर पर भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. इससे पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुनव्वर राना की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट की 2 सदस्यीय खंडपीठ ने एफआईआर रद्द करने की याचिका भी खारिज कर दी थी. दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आते ही मुनव्वर नाना ने कुछ ऐसा कहा था, जिसके बाद देशभर में उनकी आलोचना शुरू हो गई थी. मुनव्वर राना ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर दी थी. उनके खिलाफ अखिल भारतीय हिंदू महासभा और सामाजिक सरोकार फाउंडेशन ने हजरतगंज थाने में तहरीर दी थी. ससी/एसटी एक्ट के अलावा 153-ए, 501 (1)-बी और 295-ए के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था. मुनव्वर राना ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे पर कहा था कि तालिबानी उतने ही आतंकी हैं, जितने रामायण लिखने वाले वाल्मीकि हैं. अगर वाल्मीकि रामायण लिखते हैं तो वे देवता हो जाते हैं, उससे पहले वह डाकू थे. आदमी का किरदार बदलता रहता है. शायर के इस बयान पर देशभर में लोगों ने आक्रोश जाहिर किया था और तालिबान के समर्थन वाले बयानों पर उन्हें घेरा था.