प्रियंका गांधी की बीते दिनों ग्वालियर में पहुंची थीं। यहां उनकी रैली के दौरान स्मारक पर पोस्टर लगाए गए थे। इस पोस्टर में लिखा गया था कि 1857 की क्रांति में संधियाओं ने रानी लक्ष्मीबाई और 1967 एवं 2020 में कांग्रेस के साथ धोखा किया। हालांकि बाद में पुलिस ने इन पोस्टरों को हटा लिया। 21 जुलाई को हुई इस रैली में प्रियंका गांधी के बोलने से पहले विपक्ष के नेता गोविंद सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पहले इस परिवार (सिंधिया) ने लक्ष्मीबाई को धोखा दिया। फिर 1967 और 2020 में कांग्रेस के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी बाई ने यहीं अंतिम सांस ली। भिंड की जनता ने उनका समर्थन किया था। वह ग्वालियर के महाराज के अनुरोध पर यहां आई थीं। अगर लक्ष्मीबाई को साथ मिलता तो भारत 100 पहले ही आजाद हो जाता।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की ओर से की गई आलोचना पर पलटवार किया है। उन्होंने गद्दारी के आरोप पर कहा है कि अगर ऐसा था तो उनके पिता और उन्हें कांग्रेस में क्यों शामिल किया गया था। देखो वे अपना काम करेंगे। जिन्होंने इतिहास का एक पन्ना भी नहीं पढ़ा है, उन्हें जो बोलना है बोलने दीजिए। मेरे और मेर परिवार के कर्म, विचार और विचार धारा ग्वालियर, ग्वालियर संभाग, मध्य प्रदेश और राष्ट्र के लिए समर्पित है। यदि उन्हें इतनी ही चिंता थी तो उन्होंने मेरे पिताजी (माधवराव सिंधिया), और फिर मुझे कांग्रेस में क्यों शामिल किया।
गौरतलब है कि बीते दिनों प्रियंका गांधी जनाक्रोश रैली में पहुंची थीं। यहां उन्होंने भाजपा नेता पर सीधे वार नहीं किया। यहां उन्होंने रैली की शुरुआत में दो टूक शब्दों में कहा कि मैं जनता के मुद्दों पर बात करने आई हूं। मुझे आधे घंटे तक भाषण देना है। मैं चाहू तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में 10 मिनट तक और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर 10 मिनट तक बोल सकती हूं। मैं बोल सकती हूं कि उनकी विचार धारा कैसे बदल गई। सिंधिया के नाम लेते ही मंच पर प्रियंका गांधी मुस्कुराने लगती हैं और बात को बदलते हुए आगे बढ़ जाती हैं।