रिर्पोट :- गौरव सिंघल/शशांक जैन, वरिष्ठ संवाददाता,सहारनपुर मंडल।
देवबंद (दैनिक संवाद न्यूज ब्यूरो)।गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। गणेश चतुर्थी पर मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा बनाकर उसकी घरों में स्थापना किया जाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान गणेश जी प्रसन्न होते है। आजकल मिट्टी के गणेश जी के स्थान पर बाजार से रेडीमेड मूर्ति लाकर लोगों द्वारा अपने घरों पर स्थापना कर ली जाती है। लेकिन मिट्टी की अपने हाथों से बनाई गई गणेश जी की प्रतिमा का अपना एक अलग ही विशेष महत्व है।
पहले लोग मिट्टी की मूर्तियां अपने-अपने घरों पर ही तैयार कर उनकी स्थापना एवं पूजा-अर्चना किया करते थे। नवरात्रों में सांझी माई की मूर्तियां भी करीब आठ-दस साल पहले तक तो सभी लोग अपने-अपने घरों में अपने हाथों से मिट्टी से तैयार करके ही स्थापित करते थे। जिसका अलग ही विशेष महत्व होता है। हमारे ऐसा करने से भगवान गणेश और देवी मां को भी लगता है कि उनके भक्तों ने उनके लिए सच्चे मन से अपने हाथों से कुछ तो किया है। भगवान तो सिर्फ यह देखते है कि मेरे भक्तों ने आखिर मेरे लिए अपने हाथों से क्या किया है और अगर हम अपने हाथों से मिट्टी की मूर्ति बनाकर स्थापित करेंगे तो उसकी तो बात ही कुछ अलग होगी। जब हम गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए जाएंगे तो मिट्टी से बनी मूर्ति तो पानी में घुल-मिल जाएगी। लेकिन बाजार से खरीदकर लाई गई रेडीमेड मूर्तियां पानी में घुलेंगी नहीं। जो कि धार्मिक और पर्यावरण की दृष्टि से भी उचित नहीं होगा। अबकी बार सभी लोग अपने हाथों से मिट्टी की प्रतिमा बनाकर ही अपने-अपने घरों पर स्थापित करे और देखे कि भगवान गणेश जी की कैसी कृपा बरसती है आप सभी पर।
**ऐसे करें मिट्टी के गणेश की पूजा-
गणेश चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद साफ मिट्टी लेकर आएं।इसके बाद पानी डालकर उस मिट्टी को गूंथ लें। गिली मिट्टी से गणेशजी की मूर्ति बनाएं। मूर्ति को सूखने के लिए धूप में रख दें। इसके बाद उस पर सिंदूर लगा सकते हैं। शुद्ध घी और सिंदूर मिलाकर श्रृंगार कर सकते हैं। श्रृंगार करने के बाद जनेऊ पहनाएं। इसके बाद मूर्ति को घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में स्थापित करें। धूप-दीप जलाएं। दूर्वा, फल-फूल अर्पित करें। लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें। गणेश उत्सव में रोज सुबह-शाम पूजा करें।
**-इन बातों का ध्यान रखें-
घर में जहां पर भी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित हैं, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा पूजा के लिए और पर्यावरण के लिए श्रेष्ठ रहती है। इसीलिए मिट्टी की प्रतिमा ही स्थापित करें। गणेशजी के साथ ही शिव-पार्वती की भी रोज पूजा करें। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और चांदी के लोटे से दूध भी चढ़ाएं।