इन दिनों एक शादी का कार्ड काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस शादी के कार्ड को संविधान थीम पर बनाया गया है। कार्ड की खास बात ये है कि इस कार्ड में विवाह से संबंधित कानून व अधिकारों का उल्लेख किया गया है। इस तरह का कार्ड पहली बार देखने को मिला है जिसमें शादी से पहले ही विवाह के अधिकार व कानूनों के बारे में जानकारी अंकित की गई हो। अपनी थीम के चलते ये कार्ड राजधानी लखनऊ के वकीलों में काफी लोकप्रिय हो रहा है।
राजधानी लखनऊ के वकील प्रखर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया पर उन्हें ये कार्ड देखने को मिला था। कार्ड देखने के बाद ये कार्ड आकर्षक का केंद्र बन गया, क्योंकि इसमें विवाह के अधिकार व अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई है जो शायद पहली बार है। ये कार्ड देखने व पढ़ने में काफी रोचक भी लगता है।
लखनऊ के वकीलों ने बताया कि ये कार्ड असम के एक वकील ने अपनी शादी में छपवाया है। कार्ड में विवाह के अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई है। पति-पत्नी के समानता को दर्शाते हुए कार्ड में न्याय का तराजू बनाया गया है जिसमें पति और पत्नी दोनों के नाम बराबर से लिखे हुए हैं।
कार्ड छपवाने वाले वकील की ओर से कार्ड में लिखा गया है कि ‘विवाह भारतीय संविधान के तहत अनुच्छेद 21 में जीवन के अधिकार का एक घटक है इसलिए विवाह मेरा अधिकार है मेरे अधिकार का उपयोग करने का समय 28 नवंबर 2021 निर्धारित किया गया है’ कार्ड में आगे लिखा गया है जब वकीलों की शादी होती है तो वो मैं नहीं कहते हैं हम कहते हैं हम नियम व शर्तों को स्वीकार करते हैं।
सोशल मीडिया पर कार्ड सामने आने के बाद लखनऊ में कार्ड को लेकर अलग-अलग चर्चाएं हो रही है। इसको लेकर हर कोई कह रहा है कि ऐसा लग रहा है कि कार्ड को पढ़ कर एसा लग रहा है कि कोर्ट में समन भेजा है तो कोई इसे पीसीएसजे एग्जाम के नोट्स बता रहा है। कुल मिलाकर यह कार्ड राजधानी लखनऊ में वकीलों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है।