कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत अहम् भूमिका निभा रहा है और इसके लिए दुनियाभर में इसी जमकर तारीफ हो रही है। गरीब देशों को लाखों की संख्या में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने वाला भारत अब कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उन देशों के साथ खड़ा है जो इसमें थोड़ा कमजोर पड़ रहे हैं।भारत ने पड़ोसी देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के बाद अब उन कैरेबियाई देशों को भी टीका उपलब्ध कराया है जो कोरोना से जंग में पीछे छूट रहे थे।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत ने लैटिन अमेरिका, कैरैबियाई देशों और अफ्रीका महाद्वीप के कुल 49 देशों में वैक्सीन की सप्लाई की योजना बनाई है। ये वैक्सीन गरीब देशों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। वैक्सीन फ्रेंडशिप के तहत भारत ने दुनिया में 22.9 मिलियन टीके बांटे हैं, जिसमें 64 लाख से ज्यादा वैक्सीन गरीब देशों को अनुदान के रूप में दिया है। वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारत ने शनिवार को पूर्वी कैरेबियाई राज्यों के संगठन (OECS) के तहत चार सहित 5 कैरेबियाई देशों के लिए 175,000 खुराक ऑक्सफोर्ड एस्ट्रा-ज़ेनेका वैक्सीन की भेजी। भारतीय वित्तीय राजधानी मुंबई से भेजे गए ये टीके सोमवार को सबसे अधिक एंटीगुआ और बारबुडा पहुंचेंगे। और संबंधित देशों को वैक्सीन पहुंचाने के लिए आगे की परिवहन व्यवस्था की गई है।
भारत के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत की तरफ से सेंट लूसिया को कोविशिल्ड वैक्सीन के 25,000 और सेंट किट्स और नेविस 20,000, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस 40,000 एंटीगुआ और बारबुडा 40,000, रिपब्लिक ऑफ सूरीनाम 50,000 टीके मिलेंगे। टीकों की इस परिग्रहण प्रक्रिया में OECS के अध्यक्ष डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब यह वैश्विक महामारी शुरू हुई, OECS के प्रमुख होने के नाते स्केरिट ने अपनी भूमिका कुशलता से निभाई जिससे साथी राष्ट्रों को कोरोनोवायरस से लड़ने में मदद मिली। OECS के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे पीएम रूजवेल्ट स्केरिट ने भारत सरकार को पत्र लिखा था कि वे संबंधित देशों के लिए वैक्सीन की मांग को पूरा करें ताकि देश में उनके फ्रंट लाइन वर्कर्स और अन्य कमजोर समुदाय की सुरक्षा हो सके।
डोमिनियन रिपब्लिक को कोरोना के 30 हजार टीके गिफ्ट के तौर पर दिए गए हैं। इसके अलावा डोमिनिका को भी 70 हजार वैक्सीन दी गई है। फरवरी की शुरुआत में भारत ने बारबाडोस को 10 हजार टीके उपलब्ध कराए थे। इन सबके अलावा संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए भी भारत ने दो लाख से ज्यादा टीके सौगात के तौर पर देने का वादा किया है। यही कारण है कि भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की दुनिया भर में तारीफ की जा रही है।