ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन को लेकर बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते वो जी7 देशों के नेताओं से अपील करेंगे कि 2022 के अंत तक दुनिया को पूरी तरह से टीकाकृत करने का संकल्प लिया जाए। उन्होंने कहा कि 2022 के अंत तक सभी लोगों को वैक्सीन लगा देना चिकित्सा इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। मैं अपने साथी और जी7 के नेताओं से इस भयानक महामारी को खत्म करने के लिए हमारे साथ आने का आह्वान कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि हम सभी लोग मिलकर संकल्प लें कि कोरोना वायरस की वजह से हुई तबाही को फिर कभी ना होने दें। बता दें अगले हफ्ते के शुक्रवार से तीन दिवसीय जी7 समिट शुरू होगा, जिसमें जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका, इटली, जापान और यूरोपिय संघ और कनाडा शामिल होंगे।
अल्फा वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक डेल्टा वैरिएंट
वहीं ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने रविवार को कहा कि पहली बार भारत में सामने आया कोरोना वायरस का डेल्टा या बी1.617.2 स्वरूप अल्फा या तथाकथित केंट स्वरूप (वीओसी) से 40 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है। वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हालिया बढ़ोतरी के पीछे डेल्टा स्वरूप का प्रसार है और इसने 21 जून से निर्धारित अनलॉक योजना को और मुश्किल बना दिया है।
टीके की दोनों खुराक लेना जरूरी
उन्होंने हालांकि यह भी बताया कि डेल्टा स्वरूप की वजह से अस्पताल में भर्ती अधिकतर लोगों को टीके नहीं लगे थे और ‘बेहद कम’ लोगों को ही कोविड-19 टीकों की दोनों खुराक लगी थीं। मंत्री ने कहा कि यह उस वैज्ञानिक सलाह को परिलक्षित करती है कि चिंता के कारक डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके की एक खुराक अल्फा स्वरूप जितनी प्रभावी नहीं है और दोनों खुराक लेने को ही बचाव हो सकता है। हैनकॉक ने स्काई न्यूज को बताया कि इस आंकड़े के साथ कह सकते हैं कि यह स्वरूप करीब 40 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है, मेरे पास यही नवीनतम परामर्श है। इसका मतलब है कि डेल्टा स्वरूप के साथ वाले वायरस का प्रबंधन और मुश्किल है, लेकिन महत्वपूर्ण रूप से हम मानते हैं कि टीकों की दो खुराक लेने पर आपको इनसे भी उतनी ही सुरक्षा मिलेगी जितनी की पिछले स्वरूप से मिल रही थी।