महज तीन दिनों के बाद कांग्रेस (Congress) अपना नया अध्यक्ष (new president) चुनने जा रही है। फिलहाल, इस रेस में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) का नाम है। इससे पहले राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) का कांग्रेस प्रमुख बनना लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन राज्य में हुई राजनीतिक उथल-पुथल ने सारे समीकरण ही बदल दिए। कहा जा रहा है कि गहलोत अब राजस्थान की गद्दी पर बने रहने के लिए मेहनत कर रहे हैं। सवाल उठता है कि उनका फेवरेट कौन है और वह किसे प्रमुख बनते देखना चाहते हैं? खुद उन्होंने ही ट्वीट के जरिए इसका जवाब दिया है।
गुरुवार को ही गहलोत ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह खड़गे का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे साहब पार्टी के बहुत ही अनुभवि व्यक्तित्व के धनी हैं। जो व्यक्ति लगातार 9 चुनाव विधानसभा के और 2 चुनाव लोकसभा के जीते हों, आज राज्यसभा के अंदर नेता प्रतिपक्ष हैं। आप सोच सकते हैं कि 50 साल से अधिक का अनुभव आज जिंदगी में हो गया…।’ साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि वह भी खड़गे के प्रस्तावक बने हैं।
उन्होंने लिखा, ‘मैं उम्मीद करता हूं जो भी डेलीगेट हैं वो भारी बहुमत से श्री मल्लिकार्जुन खड़गे को कामयाब करेंगे। कामयाब होने के बाद में वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे व कांग्रेस मजबूत होकर प्रतिपक्ष के रूप में उभर कर सामने आएगी। यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं है खड़गे साहब भारी मतों से कामयाब हों।’
गहलोत रेस से बाहर
सितंबर के मध्य तक गहलोत को पार्टी के शीर्ष पद के लिए होने वाले चुनाव का विजेता माना जा रहा था। हालांकि, वह लगातार वायनाड सांसद राहुल गांधी से दोबारा कमान संभालने की अपील करते रहे और उन्हें मनाने के लिए ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान केरल भी पहुंचे थे, लेकिन सफल नहीं हुए। बाद में उन्होंने खुद ही ऐलान कर दिया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
खबरें आती रहीं कि वह राजस्थान के सीएम पद पर भी बने रहना चाहते हैं, लेकिन उस दौरान उदयपुर घोषणापत्र को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। घोषणापत्र के अनुसार, एक व्यक्ति एक ही पद पर रह सकता है। बाद में राहुल के बयान ने स्थिति एकदम साफ कर दी। इधर, राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गद्दी संभालने की अटकलें तेज हो गई थीं।
हालांकि, जब खड़गे और अजय माकन पर्यवेक्षक के तौर पर विधायकों से बात करने पहुंचे, तो हंगामा खड़ा हो गया और कई विधायकों ने पायलट के सीएम बनने की संभावनाओं के बीच इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। कहा जा रहा है कि विधायकों के रवैये से गांधी परिवार खासा नाराज हुआ था। बाद में गहलोत ने दिल्ली पहुंचकर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और ऐलान कर दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।