दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Telecom Minister Ashwini Vaishnav) ने शनिवार को कहा कि इस साल के अंत तक 20-25 शहरों और कस्बों (20-25 cities and towns) में 5 जी सेवा (5G Services ) की शुरुआत हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 5जी सेवा की शुरुआत के साथ ही भारत (India) में डाटा कीमतें (data prices) दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले कम बनी रहेंगी। देश में डाटा की मौजूदा कीमत वैश्विक औसत से काफी कम हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 5जी की शुरुआत अगस्त-सितंबर से होगी। भारत 4जी और 5जी स्टैक विकसित कर रहा है और डिजिटल नेटवर्क में दुनिया के लिए एक भरोसेमंद स्रोत के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार है। उन्होंने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि कई देश भारत द्वारा विकसित किए जा रहे 4जी और 5जी उत्पादों और तकनीक को प्राथमिकता देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अवांछित कॉलों के मसले को हल करने के लिए मंत्रालय एक महत्वपूर्ण नियम पर काम कर रहा है। इसके तहत किसी भी कॉल करने वाले के केवाईसी-पहचान वाले नाम को जाना जा सकेगा। एक बार इंडस्ट्री स्टेकहोल्डरों की बातचीत पूरी हो जाए, इसे देशभर में लागू कर दिया जाएगा।
धीमे डाउनलोड स्पीड पर उन्होंने कहा कि भारत में औसतन डाटा खपत प्रति माह 18 जीबी है जबकि वैश्विक औसत 11जीबी प्रति माह ही है। भारत में डाटा की खपत अति विकसित देशों की तुलना में भी काफी अधिक है। इंफ्रास्ट्रक्चर में और निवेश की आवश्यकता है। डाटा दरों, कॉल ड्रॉप्स, कॉल गुणवत्ता के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में व्यापक निवेश की आवश्यकता है। 5जी सेवाओं के मूल्य निर्धारण पर उन्होंने कहा कि आज भी भारत में डाटा दरें करीब दो अमेरिकी डॉलर हैं, जबकि वैश्विक औसत 25 अमेरिकी डॉलर है। उन्होंने कहा कि यही प्रवृत्ति अन्य क्षेत्रों में भी होगी।
सोशल मीडिया की जिम्मेदारी तय करने के लिए जरूरी कदम की जरूरत
रेल और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी तय करने के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में शनिवार को उन्होंने कहा, सोशल मीडिया को अकाउंटेबल करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाहें और गैर-जरूरी सूचनाओं को रोकने के लिए अहम कानून लाने होंगे। कोई सोशल मीडिया के पास कोई शिकायत करता है और सोशल मीडिया ग्रुप एक्शन नहीं है, तो आगे अपील करने के लिए ग्रुप अथॉरिटी होनी चाहिए। देश में साइबर सिक्योरिटी को मजबूत किया जा रहा है। इसके साथ ही लोगों को अपने पासवर्ड और डिजिटल सिक्योरिटी का विशेष ध्यान रखना चाहिए।