आध्यात्म (Spirituality) की एक अनोखी धारा इन दिनों उत्तर प्रदेश की जेलों में बह रही है, जहां सैकड़ों की संख्या (hundreds of) में मुस्लिम कैदियों (Muslim prisoners) ने नवरात्रि का व्रत रखा है. हिन्दू कैदियों (Hindu prisoners) के साथ हर रोज वे ना सिर्फ मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं बल्कि उन्हीं के साथ फलाहार भी करते हैं. ऐसा नहीं है कि उन्होंने अपने धार्मिक कार्यों से तौबा कर लिया है, बल्कि दोनों धर्मों के अनुष्ठान साथ- साथ चल रहे हैं.
यूपी की जेलों में बन्द कुल मुस्लिम बन्दियों में से 500 से ज्यादा कैदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है. इसके अनुसार इन 41 जेलों में बन्द कुल मुस्लिम कैदियों में से 460 ने नवरात्रि का व्रत रखा है. जब 41 जेलों में ही आंकड़ा 500 के करीब है तो पूरे सूबे की सभी जेलों का आंकड़ा तो हजार के पार चला ही जायेगा. और तो और एक ईसाई बन्दी ने भी नवरात्र का व्रत रखा है. इन 41 जेलों में बन्द 14 हजार से ज्यादा हिन्दू कैदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है.
सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये है कि साल 2013 में जिस मुजफ्फरनगर शहर को दंगे ने जला दिया था, वहां की जेल के सबसे ज्यादा बन्दियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है. मुजफ्फरनगर की जेल के 218 मुस्लिम कैदी इन दिनों मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं. वे नौ दिन के अखण्ड व्रत पर हैं. अलीगढ़ दूसरे नंबर पर है, जहां की जेल के 69 मुस्लिम बन्दियों ने भी नवरात्रि का व्रत रखा है. बुलंदशहर तीसरे नंबर पर है जहां कुल 21 मुस्लिम बन्दियों ने नवरात्र का व्रत रखा है. इसी तरह लखनऊ, नोएडा और सिद्धार्थनगर में 11, अयोध्या में 9 और गोरखपुर में 5 बन्दियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है.
जेल विभाग में महानिदेशक IPS आनन्द कुमार ने कहा कि, जेलों में साम्प्रदायिक सौहार्द्र का एक ज्वलंत उदाहरण सामने आया है. इसके लिए किसी को कहा नहीं गया था, बल्कि सभी ने स्वेच्छा से नवरात्रि का व्रत रखा है. व्रत के दौरान खाने पीने का इंतजाम गंभीरता से जेल प्रशासन कर रहा है.
अभी हाल के दिनों में ही अलीगढ़ के एक मुस्लिम परिवार को गणेश पूजा करने के एवज में काफी मुसीबतें झेलने पड़ी. इस परिवार को समाज से निकालने तक की धमकी दी गयी. ऐसे कई और एग्जाम्पल मिल जायेंगे जब किसी मुस्लिम परिवार ने हिन्दू धर्म में आस्था जाहिर की तो उसे तरह-तरह से प्रताड़ित किया गया, लेकिन धमकी देने वाले ऐसे कट्टरपंथियों को मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोगों ने बड़ी चुनौती दी है. वे ना तो उनकी धमकियों से डरे और ना ही अपना इरादा बदला. मुस्लिम समुदाय के लोगों का नवरात्रि का व्रत रखना उनके इसी अटल इरादे और आध्यात्मिक विचारधारा का प्रमाण है.