कोलकाता से लेकर दिल्ली, लखनऊ मेट्रो के कर्णधार और मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले हैं। मेट्रो मैन श्रीधरन 21 फरवरी को भाजपा की विजय यात्रा के दौरान बीजेपी में शामिल होंगे। केरल बीजेपी के मुखिया के सुरेंद्रन के नेतृत्व में भाजपा 21 फरवरी से विजय यात्रा निकाल रही है। ई श्रीधरन आधिकारिक रूप से 21 फरवरी को होने वाली विजय यत्रा के दौरान पार्टी की सदस्यता लेंगे। मेट्रो मैन के नाम से मशहूर श्रीधरन को कोलकाता मेट्रो, कोंकण रेलवे, दिल्ली मेट्रो, कोच्ची मेट्रो, लखनऊ मेट्रो में अहम योगदान के लिए जाना जाता है। मेट्रो जैसे क्रांतिकारी परिवहन माध्यम में उनके इन योगदानों की वजह से साल 2001 में उन्हें पद्म श्री, 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। विकास कार्यों में इनके योगदान को देखते हुए फ्रांस सरकार ने भी साल 2005 में सम्मानित किया था। अमेरिका की टाइम मैग्जीन भी ने ‘एशिया का हीरो’ का टाइटल दिया था।
श्रीधरन का जन्म 12 जून 1932 को पलक्काड़ केरल हुआ था। उनके परिवार का सम्बन्ध पलक्कड़ के ‘करुकपुथुर’ से है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पलक्कड़ के ‘बेसल इवैंजेलिकल मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल’ से हुई जिसके बाद उन्होंने पालघाट के विक्टोरिया कॉलेज में दाखिला लिया। उसके पश्चात उन्होंने आन्ध्र प्रदेश के काकीनाडा स्थित ‘गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज’ में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने ‘सिविल इंजीनियरिंग’ में डिग्री प्राप्त की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद कुछ समय तक श्रीधरन ने कोझीकोड स्थित ‘गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक’ में सिविल इंजीनियरिंग पढ़ाया। उसके बाद लगभग एक साल तक उन्होंने बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट में बतौर प्रसिक्षु कार्य किया। सन 1953 में वे भारतीय लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित ‘इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम’ में बैठे और उत्तीर्ण हो गए।
उनकी पहली नियुक्ति दक्षिण रेलवे में ‘प्रोबेशनरी असिस्टेंट इंजिनियर’ के तौर पर दिसम्बर 1954 में हुई। सन 1964 एक तूफान के कारण रामेश्वरम को तमिल नाडु से जोड़ने वाला पम्बन पुल टूट गया। रेलवे ने जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए 6 महीने का समय दिया पर श्रीधरन के बॉस ने सिर्फ तीन महीने में इस कार्य को पूरा करने को कहा और श्रीधरन को यह कार्य सौंपा गया। श्रीधरन ने यह कार्य मात्र 46 दिनों में पूरा कर सबको चकित कर दिया। इस उपलब्धि के लिए उन्हें ‘रेलवे मंत्री पुरस्कार’ दिया गया। ई. श्रीधरन एक प्रख्यात अवकाश प्राप्त भारतीय सिविल इंजीनियर हैं। श्रीधरन ने अपने नेतृत्व में ‘कोंकण रेलवे’ और ‘दिल्ली मेट्रो’ का निर्माण कर भारत में जन यातायात को बदल दिया। सन 2013 में उन्हें जापान के ‘ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन- गोल्ड एंड सिल्वर स्टार’ से सम्मानित किया गया।