कांग्रेस सांसद (Congress MP) और लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी (Opposition leader Adhir Ranjan Chaudhary) ने 13 सांसदों के निलंबन (suspension) को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को पत्र लिखा है। अधीर रंजन ने कहा कि सदस्य लोकसभा में सुरक्षा से हुए खिलवाड़ को लेकर जवाब मांग रहे थे। बिड़ला को लिखे पत्र में चौधरी ने कहा कि लोकसभा स्पीकर के अधिकार में ही सदन की सुरक्षा के लिए कदम उठाना है। बाकी आपने हाई लेवल कमेटी बना ही दी है।
अधीर रंजन ने कहा कि जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उन्हें वापस सदन में बुला लेना चाहिए। वे केवल सरकार से जवाब मांग रहे थे कि सदन की सुरक्षा के लिए क्या किया जाएगा। उन्होंने पत्र में लिखा, यह मामला हमारी खुद की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए विपक्ष के नेता की हैसियत से हम सरकार से जवाब भी मांग सकते हैं। वहीं सांसदों को नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। क्या सरकार से जवाब मांगना नियमों का उल्लंघन हो गया।
उन्होंने लिखा, मेरा आग्रह है कि इस फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए और सदस्यों को वापस सदन में बुला लेना चाहिए। अधीर रंजन ने कहा, जब 2001 में संसद पर हमला हुआ था तब भी सबसे पहले सोनिया गांधी ने तब के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी से जवाब मांगा था। इस बार भी गृह मंत्री को सदन में इस घटना को लेकर बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पीकर इसकी जांच करवाएं और आवश्यक कार्रवाई करें।
अधीर रंजन ने कहा कि इस बात पर भी गौर करना है कि आखिर देश का युवा ऐसा क्यों कर रहा है। वह अपना, अपने परिवार और दोस्तों को भी कठिन परिस्थितियों में डाल रहा है। मुझे विश्वास है कि मेरे इस पत्र को गंभीरता से लिया जाएगा। एक लोकतांत्रिक संस्था की गरिमा बनाए रखते हुए आगे की कार्यवाही की जाएगी। बता दें कि गुरुवार को लोकसभा में 13 सांसदों को इस सत्र भर के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पास किया गया था। उनपर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप था। पहले कांग्रेस के 5 लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया गया। इसके बाद विपक्ष के 9 और सांसदों को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया।