पिछले एक साल से कोरोना ने देश में तबाही मचा रखी है। लेकिन इस बार कोरोना की दूसरी लहर ने कई घरों को उजाड़ दिया, यहां तक कि पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया है। अब आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) भी आने वाली है। कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर दिल्ली के श्मशान घाट और कब्रिस्तान प्रबंधकों की नींद उड़ी हुई है। प्रबंधकों के अनुसार हमने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सबसे बुरा वक्त देखा। अब तीसरी लहर न आए और यदि आती है तो उसके लिए ऑप्शन तैयार रहे। दिल्ली के इस्लाम कब्रिस्तान के प्रबंध समिति के सदस्य कयामुद्दीन ने बताया “हमने पिछले दो महीनों में अपने जीवन में सबसे खराब वक्त देखा। एक दिन में 25-28 शवों को देखा है। मैं तीसरी लहर को रोकने के लिए प्रार्थना करता हूं।
एक अन्य सदस्य मशकूर राशिद के अनुसार दूसरी लहर के दौरान ही कई बार ऐसी स्थिति बनी, जब शवों को दफनाने के लिए जमीन कम पड़ गई। राशिद ने इस बात का किया कि पिछले दो महीनों में 1,500 से ज्यादा शवों को दफनाया गया, जिनमें से अधिकतर कोरोना के मरीज थे। राशिद ने बताया हम प्रार्थना करने के अलावा और कर भी क्या सकते हैं कि कोई तीसरी लहर न हो। जिस स्थान को हमने अभी बनाया है उस जगह पर 250-300 शवों को दफना सकते हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, शहर में 131 कब्रिस्तान हैं। कोरोना से मरने वाले लोगों को दिल्ली गेट, शास्त्री पार्क, ताहिरपुर और मंगोलपुरी में सिर्फ चार लोगों को दफनाने की इजाजत थी। दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और ओखला के विधायक अमानतुल्ला खान ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर दफनाने के लिए दक्षिण-पूर्व दिल्ली में मिलेनियम पार्क के पास एक जमीन तय की गई है। उन्होंने बताया कि मिलेनियम पार्क के पास चार एकड़ के भूखंड का प्रयोग पहले स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से दफनाने के लिए नहीं किया जाता था। उन्होंने बताया, “यह जमीन कब्रिस्तान के लिए 1964 में दी गई थी। कोरोना की तीसरी लहर की स्थिति में अन्य कब्रिस्तानों पर दबाव बढ़ने पर इसका प्रयोग किया जा सकता है।”