अगर आपको बैठे या लेटे हुए पैर हिलाने की आदत है तो सचेत हो जाएं। ये रेस्टलेस सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं। इसका कारण मुख्यत: आयरन की कमी होना है। यह समस्या 10 फीसदी लोगों को होती है। ज्यादातर 35 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को होती है।
यह नर्वस सिस्टम से जुड़ा रोग है। पैर हिलाने पर व्यक्ति में डोपामाइन हार्मोन स्त्रावित होने के कारण उसे ऐसा बार-बार करने का मन करता है। इसे स्लीप डिसऑर्डर भी कहते हैं। नींद पूरी न होने पर वह थका हुआ महसूस करता है। जांच लक्षणों के आधार पर ब्लड टैस्ट किया जाता है।
नींद न आने की दिक्कत बढऩे पर पॉलीसोमनोग्राफी (पीएसजी) भी कराकर इसकी पुष्टि की जाती है। इस जांच से नींद न आने के कारणों को जाना जाता है। साथ ही पैरों में झंझनाहट व चीटियां चलने जैसा महसूस होना। दिन में बैठने व कुछ लोगों में रात में सोते समय भी पैर हिलाना, पैर दबवाने की इच्छा करना और थकावट आदि।