रिपोर्ट : भक्तिमान पांडेय बाराबंकी: बनीकोडर क्षेत्र के सिल्हौर घाट में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का बृहस्पतिवार को समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित हरिश्चंद्र महाराज के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। पंडित जी ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है।
लोगों ने रातभर इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। कथा के आखिरी दिन अपने समर्थकों के साथ पहुंचे दरियावाद विधानसभा युवा सपा नेता रितेश सिंह रिंकू,विधान सभा उपाध्यक्ष अजय प्रताप पप्पू, युवजन सभा विधान सभा अध्यक्ष सरजू प्रसाद, बच्चा सिंह,अनिल सिंह, राधे श्याम यादव, अजीत सिंह, गोविंद रावत प्रधान सुरेन्द्र यादव आदि लोगो के साथ पहुंचकर कथा में सम्मिलित हुए और कई वर्षों बना मंदिर पर माथा टेका।