उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला जेल में बंदी के अवैध रूप से फोन कॉल करने के मामले में योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। जेल में बंद कैदी विनोद गुप्ता द्वारा अवैध रूप से मोबाइल का इस्तेमाल कर धमकी देने के मामले में जेलर राकेश वर्मा और डिप्टी जेलर सुखवती को निलंबित कर दिया गया है। जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। डीजी जेल के पीआरओ अंकित कुमार ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है।
जेल से फोन कर मुकदमा वापस लेने की धमकी
मामले की जांच के लिए डीआईजी जेल को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बीते दिनों शिकायत मिली थी कि आरोपी विनोद गुप्ता एक कोचिंग संचालक है। उस पर बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के लोगों से नौकरी के नाम पर लाखों रुपए की ठगी का आरोप है। पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि जेल में बंद विनोद गुप्ता उन्हें फोन कर पैसे लेकर मुकदमा वापस लेने की धमकी दे रहा है। इस शिकायत के बाद पुलिस और जेल प्रशासन ने जांच की। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों वरिष्ठ जेल अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
शासन स्तर पर आगे की कार्रवाई की तैयारी
इस मामले ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। योगी सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि जेल में अनुशासनहीनता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब सभी की नजरें शासन के अगले कदम पर टिकी हैं।