हिन्दी प्रेमी लोगों के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है. 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस (World Hindi Diwas 2022) के रूप में मनाया जाता है. विश्व में हिंदी चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. आज हिंदी एक ऐसी भाषा बन गई है, जो पूरी दुनिया में कई जगह पढ़ी-लिखी और बोली जाती है. वैसे तो भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Day) मनाया जाता है लेकिन दुनिया में इसे 10 जनवरी को मनाया जाता है.
विश्व हिंद दिवस का उद्देश्य है पूरे विश्व में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए अधिक प्रयास करना और इसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में विकसित करने का है. हालांकि, इसकी शुरुआत कैसे हुई और ये कैसे एक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा इसकी जानकारी होनी चाहिए. यहां विश्व हिंदी दिवस के महत्त्व और इतिहास पर एक नजर डालेंगे.
विश्व हिंदी दिवस का इतिहास
विश्व में हिंदी चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है पहले नंबर पर अंग्रेजी भाषा दूसरे नंबर पर मंदारिन और तीसरे नंबर पर स्पैनिश. विश्व में हिन्दी का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई थी. प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था.
पहले विश्व हिंदी सम्मेलन (World Hindi Day 2022) का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. सम्मेलन से सम्बन्धित राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष महामहिम उपराष्ट्रपति बी डी जत्ती थे. दूसरे विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन मॉरीशस की धरती पर हुआ. वहीं तीसरे विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन भारत की राजधानी दिल्ली में साल 1983 को हुआ था. साल 2006 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के तौर पर हर वर्ष मनाए जाने की घोषणा की गई थी.
हिंदी भाषा का प्रचार
हिंदी भाषा विश्व में अधिकतम जनसंख्या द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है. भारत के अतिरिक्त हिंदी भाषा नेपाल, मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो और फिजी जैसे अन्य देशों में भी बोली जाती है. हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है. हिंदी दिवस का उत्सव उस दिन को चिह्नित करता है जब हिंदी को देश के एक अधिकारिक भाषा के रूप में चुना गया था.