महिला द्वारा लगाए गए आरोप के मुताबिक चौकी इंचार्ज की भी है प्रकरण में संलिप्तता_ _सिद्धौर चौकी पर तैनात 2 सिपाहियों सहित चौकी इंचार्ज पर महिला ने लगाया था लाखों रुपए की वसूली का आरोप_ _सिपाहियों को लाइन हाजिर कर मामले में की गई खानापूर्ति CO द्वारा चौकी इंचार्ज को दी गई क्लीन चिट बनी क्षेत्र में चर्चा का विषय_
बाराबंकी।कस्बा सिद्धौर के एक युवक को पकड़कर उसे मार्फीन में जेल भेजने की धमकी देकर एक लाख साठ हजार रुपए वसूलने के मामले में मुख्य आरोपित चौकी इंचार्ज सिद्धौर छट्टू चौधरी को बचाने की खातिर अधिकारियों द्वारा तीन सिपाहियों को बलि का बकरा बना दिया गया।जबकि शिकायतकर्ता द्वारा चौकी इंचार्ज की मौजूदगी में युवक को पकड़ने का आरोप लगाया गया है।
बावजूद इसके आरोपित चौकी इंचार्ज को क्लीन चिट मिल गई। बताते चलें कि बीते पांच जुलाई को नगर पंचायत सिद्धौर के मालवीय नगर वार्ड की यास्मीन पत्नी मकसूद ने पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर चौकी सिद्धौर के दो सिपाहियों अभिषेक सिंह और अभिषेक राजपूत पर चौकी इंचार्ज की मौजूदगी में अपने पुत्र मामूर उर्फ राजा को पकड़कर मार्फीन में जेल भेजने की धमकी देकर 160000 रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।इसका एक वीडियो भी इंटरनेट पर वायरल हुआ था।पुलिस शिकायत को कई दिनों तक दबाए रही।
बाद में यह मामला जब समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ तो एसपी ने सीओ रामसनेहीघाट जटाशंकर मिश्र को जांच सौंप दी।सीओ ने शिकायतकर्ता और अन्य परिजनों के बयान दर्ज किए।शिकायतकर्ता के साथ ही क्षेत्रीय लोगों को विश्वास था कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाएगा।लेकिन ऐसा हुआ नहीं।मामले में तीन सिपाहियों अभिषेक सिंह अभिषेक राजपूत और दिनेश सागर को लाइन हाजिर कर मुख्य आरोपित चौकी इंचार्ज सिद्धौर छट्टू चौधरी को अभयदान दे दिया गया ।उच्चाधिकारियों द्वारा की गई यह कार्रवाई लोगों के गले नही उतर रही है ।क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जिस कार से सिपाहियों द्वारा युवक को पकड़ कर थाने ले जाया जा रहा था उसमें चौकी इंचार्ज पहले से ही बैठे थे ।पीड़िता द्वारा भी इसकी शिकायत की गई थी लेकिन ऊंची पहुंच होने के कारण चौकी इंचार्ज को अधिकारियों ने क्लीन चिट दे दी,जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।