कोरोना वायरस (corona virus) के ज्यादा संक्रामक स्वरूप के उभरने, प्रतिरक्षा को भेदने और अस्पताल में भर्ती होने की बढ़ती दर को लेकर चिंताओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन (Scientist Soumya Swaminathan) ने आगाह किया कि कोविड-19 की नई लहरों (new waves of covid-19) के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे साक्ष्य लगातार मिल रहे हैं कि ओमीक्रॉन के सब वैरिएंट- बीए.4 और बीए.5 टीका ले चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं।
स्वामीनाथन ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘हमें कोविड-19 की नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए। वायरस का प्रत्येक वैरिएंट और संक्रामक तथा प्रतिरक्षा को भेदने वाला होगा। ज्यादा लोगों के संक्रमित होने से बीमारों और अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ेगी। सभी देशों के पास आंकड़ों के आधार पर उभरते हालात से निपटने की योजना होनी चाहिए।’
मृत्यु दर में वैश्विक स्तर पर बदलाव
स्वामीनाथन ने ‘वर्ल्ड बैंक ग्रुप’ में वरिष्ठ सलाहकार फिलिप शेलेकंस के ट्वीट के जवाब में यह बात कही। शेलेकंस ने कहा, ‘हम कोविड-19 की मृत्यु दर में वैश्विक स्तर पर बदलाव देख रहे हैं। महीनों तक मृत्यु दर में कमी आने के बाद, यह फिर से बढ़ने लगी है।’ उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात नहीं है क्योंकि संक्रमण को नियंत्रित करने के प्रति ढिलाई वाला दृष्टिकोण अपनाया जा रहा और वैश्विक स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम भी सुस्त है।
हाई इंकम वाले देशों में संक्रमण तेज
शेलेकंस ने कहा कि हाई इंकम वाले देशों और मध्यम आय वाले देशों में भी महामारी फैल रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि हाई इंकम वाले देशों में अमेरिका, फ्रांस, इटली, जर्मनी और जापान वैश्विक महामारी के उभार के वाहक बन रहे जबकि मध्यम आय वाले देशों में ब्राजील अग्रणी है। उन्होंने कहा, ‘मृत्यु दर तेजी से बढ़ने लगी है।’ शेलेकंस ने कहा कि वैश्विक मृत्यु दर के मामले में अमेरिका और ब्राजील सबसे आगे हैं।
बढ़ते मामले हेल्थ सिस्टम पर डाल रहे दबाव
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घ्रबेयिसस ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह चिंतित हैं कि कोविड-19 के बढ़ रहे मामले स्वास्थ्य प्रणालियों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों पर और दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं मौतों के बढ़ते मामलों को लेकर भी चिंतित हूं।’ संगठन ने कहा कि चार जुलाई से 10 जुलाई के सप्ताह में 9800 से ज्यादा लोगों की संक्रमण से मौत हुई।