मुल्लांपुर के एक बॉडी बिल्डर बाउंसर ने सुधार थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में एक लड़की के घर के सामने सोशल मीडिया पर लाइव होकर सल्फास निगल ली। सल्फास की पूरी बोतल निगलने के बाद भी उसकी सांसें चल रही हैं और उसे बचाने के प्रयास में उसका परिवार उसे लुधियाना से पीजीआई चंडीगढ़ लेकर गए। घटना की सूचना मिलते ही गांव के युवा सरपंच ने हिम्मत जुटाई और पवनप्रीत को कस्बा सुधार के निजी अस्पताल में ले गए, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे लुधियाना के डी.एम.सी. अस्पताल ले जाया गया। अब उन्हें वहां से पी.जी.आई. चंडीगढ़ शिफ्ट किया गया।
पवनप्रीत पिछले 10 सालों से एक लड़की से प्यार करता था और दोनों ने शादी करने का फैसला किया था। 2023 में दाखा थाने में पवनप्रीत के खिलाफ नशा बरामदगी का मुकदमा नंबर 23 दर्ज किया गया था। करीब 6 महीने पहले पवनप्रीत सिंह जमानत पर जेल से बाहर आया और अपनी प्रेमिका पर उससे मिलने और शादी करने का दबाव बनाने लगा। 27 मार्च को पवनप्रीत अपने परिवार के साथ लड़की के गांव आया और शादी का प्रस्ताव रखा। जब लड़की और उसके परिवार ने शादी से साफ इनकार कर दिया तो पवनप्रीत निराश होकर लौट गया। शनिवार सुबह पवनप्रीत अपनी स्कॉर्पियो कार में अकेला ही लड़की के घर आया लेकिन किसी ने उसे अंदर नहीं जाने दिया।
पवनप्रीत ने सल्फास की पूरी बोतल पी ली और दर्द से कराहने लगा। लड़की के घर के आसपास जमा लोग तमाशा देखते रहे। गांव के युवा सरपंच ने मौके पर पहुंचकर सुधार थाना प्रभारी जसविंदर सिंह को सूचित किया तथा पवनप्रीत को अपनी गाड़ी में सुधार शहर के एक प्रसिद्ध निजी अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे लुधियाना के डी.एम.सी. अस्पताल में ले जाया गया। वहां से उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया।