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VIP मूवमेंट से आम लोगों को नहीं होगी दिक्कत, प्रधानमंत्री के आवास से नई संसद तक बनेगी सुरंग

देश की नई संसद में प्रधानमंत्री (Prime Minster) और उपराष्ट्रपति (Vice President) सरीखे वीवीआईपी लोगों के मूवमेंट में अब ज्यादा रुकावटें नहीं आएंगी. नई संसद (New Parliament) से जुड़ने वाले तीन नये टनल बनाए जाएंगे जो प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति भवन और संसद में सांसदों के चैंबर्स से जुड़ेंगे. इन टनल्स के पीछे का कॉन्सेपट है कि अगर वीआईपी मूवमेंट संसद से इतर होंगे तो बहुत ही कम रुकावटों के साथ वीवीआईपी के मोटरकेड नई संसद के कॉम्पलेक्स के अंदर और बाहर आ जा सकेंगे.


सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्लान के अनुसार नया पीएम हाउस और पीएमओ साउथ ब्लॉक की तरफ और उपराष्ट्रपति का आवास नॉर्थ ब्लॉक की तरफ होगा. सांसदों के चैंबर वहीं आएंगे जहां फिलहाल ट्रांसपोर्ट और श्रम शक्ति भवन मौजूद हैं.

प्रस्तावित टनल्स सिंगल लेन के

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रस्तावित टनल्स सिंगल लेन के रहेंगे. क्योंकि इनका इस्तेमाल खासतौर से कुछ ही व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि चूंकि ये छोटे खंड हैं ऐसे में संसद तक पहुंचने के लिए गोल्फ कार्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है. राष्ट्रपति भवन से इस तरह के लिंक की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि यह कुछ दूरी पर है और राष्ट्रपति की संसद में आमद कम और पूर्व निर्धारित होती है.

सूत्रों ने कहा कि सबट्रैनियन रुट्स का प्रस्ताव दिया गया है क्योंकि सेंट्रल विस्टा के रिडेवलपमेंट का प्राथमिक उद्देश्य संसद परिसर के ऊपर और आसपास के क्षेत्र में सार्वजनिक पहुंच को और आसान बनाना है.

लोगों की आवाजाही पर पड़ता है असर

फिलहाल सेंट्रल विस्टा और लुटियंस बंगला जोन के भीतर कई हिस्सों में सुरक्षा कारणों और वीआईपी मूवमेंट के लिए अक्सर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाती है. इससे लोगों की आवाजाही पर असर पड़ता है. भविष्य में वीआईपी सार्वजनिक मार्गों का उपयोग केवल गणतंत्र दिवस परेड जैसे आयोजनों के लिए कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार सूत्र ने कहा कि ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में आगंतुकों और पर्यटकों के संसद तक पहुंच को बेहतर बनाने की रणनीति के रूप में वीआईपी मूवमेंट्स के लिए हाई सिक्योरिटी की जरूरत है जो आम रास्तों से अलग होगी. उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास, मंत्री और सांसदों के लिए चैंबर संसद भवन के करीब ही प्रस्तावित हैं.’