ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने अगले 72 घंटे में चुनाव प्रचार माध्यमों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैक्सीन वाली तस्वीर और वीडियो हटाने का आदेश दिया है. टीएमसी ने चुनाव आयोग को अपनी शिकायत में इसे बीजेपी का सेल्फ प्रमोशन करार दिया था. पश्चिम बंगाल में कई पेट्रोल पंपों सहित कई सार्वजनिक जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैक्सीन लेते हुए तस्वीर वाले होर्डिंग्स लगाए गए थे. इन होर्डिंग्सों के खिलाफ टीएमसी ने आयोग में शिकायत की थी. शिकायत के बाद अब आयोग ने ऐसे पोस्टर को अगले 72 घंटे में हटाने का आदेश जारी कर दिया है.
बंगाल में विधानसभा चुनाव से काफी पहले ही टीएमसी और बीजेपी में घमासान जारी है. वैक्सीन डोज लेने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्टिफिकेट को लेकर टीएमसी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
TMC ने क्या की थी शिकायत
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की थी. इस वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर के अलावा उनकी तरफ से अंग्रेजी और हिंदी में एक संदेश भी छपा हुआ है.
डेरेक ओ ब्रायन ने अपनी शिकायत में कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिए जा रहे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी न सिर्फ अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं, बल्कि कोविड वैक्सीन बनाने वालों का क्रेडिट भी चुरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि खुलेआम डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों की निस्वार्थ सेवा को कमतर कर रहे हैं. दिल्ली स्थित एम्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज ली थी, लेकिन इसके बाद सियासी बवाल छिड़ गया. कोरोना वैक्सीन सर्टिफकेट पर पीएम मोदी की फोटो लगाई गई, जिस पर विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया और पूरे मामले को बीजेपी का सेल्फ प्रमोशन करार दे डाला. इससे पहले राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करके कहा था, ‘चुनाव तारीखों का ऐलान हो चुका है. पीएम का फोटो कोरोना सर्टिफेकट में दिया गया है. इस मुद्दे को टीएमसी चुनाव आयोग के समक्ष कड़े तौर पर रखेगी.’