आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी(Vinayak Chaturthi) कहते हैं. आषाढ़ माह (ashadh month) की विनायक चतुर्थी व्रत 3 जुलाई दिन रविवार को रखा जाएगा. इस दिन भगवान श्री गणेश जी पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है. मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ विनायक चतुर्थी का व्रत करता है. उसे गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. श्री गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का यह व्रत समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला व्रत है. आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत को करने से मनुष्य के सारे संकट दूर हो जाते हैं. मनुष्य को समस्त सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2022 व्रत शुभ तिथि
चतुर्थी तिथि का प्रारंभ : 2 जुलाई को 3:17 PM बजे से
चतुर्थी तिथि का समापन : 3 जुलाई को 05:07 PM तक
विनायक चतुर्थी 2022 व्रत का प्रारंभ: 3 जुलाई को सुबह से
इन उपायों को करने से दूर होंगे सभी संकट
धार्मिक मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रककर जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा-उपासना करते हैं, उस व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं(wishes) पूर्ण होती हैं. साथ ही, जीवन में व्याप्त दुख और क्लेश से छुटकारा मिलता है. इस दिन गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करने से भक्त के सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं. गणेशजी अपने भक्तों के सारे विघ्न हर लेते है. इस लिए इन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है. भक्तों को विनायक चतुर्थी व्रत के दिन गणेशजी की पूजा के दौरान इन मंत्रो का जाप अवश्य करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से सभी कष्ट दूर होंगे तथा भक्तों को धन लाभ (money gain) होगा.
मंत्र-1:
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
मंत्र -2:
गजाननं भूतगणाधिसेवितं, कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकम्न, मामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥