मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव राजस्व एसएन पांडेय से अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी व पौड़ी जिले में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद-फरोख्त की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। सचिव यह पता लगाएंगे कि इन जिलों में राज्य से बाहर के कितने लोगों ने 250 वर्ग मीटर की सीमा से अधिक भूमि खरीदी है।
एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा यदि नियमों के विपरीत भूमि खरीदी गई है, तो विभाग इसे सरकार निहित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। सीएम ने सचिव को उन लोगों की भी जांच करने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने निवेश के नाम पर 12.50 एकड़ भूमि खरीद तो ली लेकिन, उसका उपयोग दूसरे उद्देश्य के लिए किया।
राजस्व सचिव से 12.50 एकड़ से अधिक जमीन के उपयोग का ब्योरा मांगा गया है। सरकार को इस छूट का दुरुपयोग होने की भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। राजस्व सचिव से इन तथ्यों के आधार पर जांच करने को कहा गया है।
साथ ही सीएम ने भूमि बंदोबस्त और चकबंदी के अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा, सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है। बता दें कि सीएम ने शुक्रवार को एलान किया था कि अगले बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाने को विधेयक लाया जाएगा।
एससीएसटी, ओबीसी की जमीन के सौदेबाजों पर भी कसेगा शिकंजा
सीएम के फैसले के बाद उन्हें राज्य के विभिन्न स्थानों से शिकायतें प्राप्त होने लगी हैं। राज्य आंदोलनकारियों ने भी सीएम के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने सीएम से शिकायत की कि कुछ प्रापर्टी डीलर एससी, एसटी और ओबीसी तथा अन्य समाज की जमीन का पहले खुद सौदा कर रहे और बाद में दूसरे वर्ग के लोगों को बेच रहे हैं, जबकि गांव के लोग ऐसा नहीं चाहते थे। उनका कहना है कि गोलापार में ऐसी पूरी बस्ती बसा दी गई है। सीएम ने इस शिकायत की भी राजस्व सचिव से जांच करने के आदेश दिए हैं।
राज्य कई स्थानों में आरक्षित वर्ग की जमीनों को सुनियोजित ढंग से बेचने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इससे जनसांख्यिकीय परिवर्तन हो रहा है। जमीन की खरीद-फरोख्त में यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। सख्त भू-कानून बनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित प्रारूप समिति को तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं। समिति हितधारकों की राय भी लेगी। हमारा प्रयास आगामी बजट सत्र में सख्त भू-कानून लाने का है।