अमेरिका में लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक पर बैन के लिए लगातार मांग बढ़ती जा रही है. इस बीच तीन अमेरिकी सांसदों ने टिकटॉक पर पाबंदी लगाने के लिए बिल पेश किया. आरोप लगाया गया है कि चीन ऐप का इस्तेमाल कर अमेरिका के लोगों की जासूसी कर सकता है. रिपब्लिकन मार्को रुबियो, उनके सहयोगी माइक गैलाघेर और डेमोक्रेट राजा कृष्णमूर्ति की ओर से पेश किया गया. रुबियो ने एक बयान में कहा कि बीजिंग नियंत्रित टिकटॉक पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाने का समय आ गया है.
वीडियो-शेयर ऐप पर प्रतिबंध लगाने के लिए ट्रंप प्रशासन विफल हो गया था. चीन की सरकार से डेटा की सुरक्षा को लेकर टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस की क्षमता पर छानबीन बढ़ी है. साल 2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए यूजर्स को टिकटॉक डाउनलोड करने से रोकने और अन्य ट्रांजेक्शंस पर बैन लगाने का प्रयास किया था, जोकि ऐप्स के यूज पर प्रभावी तरीक से रोक लगा देते. हालांकि इस काम में ट्रंप सफल नहीं हो सके थे और वे कानूनी लड़ाई हार गए और टिकटॉक पर नहीं लगा सके.
टिकटॉक ने सांसदों के कदम को बताया राजनीति से प्रेरित
टिकटॉक ने पहले कहा था कि वह चीनी सरकार के साथ जानकारी शेयर नहीं करता है और यूएस-आधारित सुरक्षा टीम यह तय करती है कि चीन से अमेरिकी यूजर के डेटा तक कौन पहुंच सकता है. कंपनी का कहना है कि सांसदों का ये कदम “राजनीति से प्रेरित” प्रेरित है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक टिकटॉक अधिकारी का कहना है कि यह परेशान करने वाला है. कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. टिकटॉक को साल 2016 में लॉन्च किया गया था. तब से ये दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक बन गया. इसके हर महीने 1 बिलियन से अधिक एक्टिव यूजर हैं.
भारत में साल 2020 में टिकटॉक को कर दिया था बैन
सितंबर 2016 में लॉन्च होने के भारत में भी टिकटॉक तुरंत लोकप्रिय हो गया था. उसकी कंपनी बाइटडांस के लिए चीन के बाहर भारत सबसे बड़े बाजारों में से एक था. साल 2019 में Android प्लेटफॉर्म पर टिकटॉक भारत में सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप था. उसकी सफलता का एक राज 15 क्षेत्रीय भाषाओं को सपोर्ट करना भी था, जिसकी वजह से लोग ऐप को आसानी से इस्तेमाल कर रहे थे. लेकिन, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर टिकटॉक को 29 जून 2020 को भारत में बैन कर दिया गया. इसके साथ-साथ चीन के 50 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.