हाईकोर्ट ग्रुप डी की परीक्षा पर माफिया की नजर है। इस परीक्षा में सेंध लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आगरा में एक बार फिर चार फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए।
हाईकोर्ट ग्रुप डी की रविवार को आयोजित परीक्षा में बिहार और फिरोजाबाद के साॅल्वर गैंग ने सेंध लगाई। हरीपर्वत क्षेत्र स्थित परीक्षा केंद्रों पर 2, रकाबगंज और खंदाैली क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों पर 1-1 परीक्षार्थी पकड़े गए। इन पर सोमवार को कार्रवाई की गई। इससे पहले रविवार को ताजगंज क्षेत्र के दो केंद्रों पर दो परीक्षार्थियों पर कार्रवाई की गई थी।
खंदौली के गांव पीली पोखर स्थित सेंट एंड्रूज स्कूल में दूसरी पाली की परीक्षा में फिरोजाबाद जिले के जाफराबाद, शिकोहाबाद निवासी अशोक कुमार को बायोमेट्रिक मिलान नहीं होने पर पकड़ा गया। पूछताछ में उसने अपना नाम कृष्णकांत और बिहार के मुंगेर जिला स्थित थाना संग्रामपुर के गांव रामपुर का निवासी बताया। कहा कि वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। जाफराबाद के अशोक कुमार की जगह 30 हजार रुपये में परीक्षा देने आया था। अशोक कुमार ने उसे 10 हजार रुपये पेशगी में दिए थे। बाकी रकम परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर देता।
दोस्त के भाई को पास कराने का एक लाख में ठेका
रकाबगंज स्थित बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय में बायोमेट्रिक मिलान नहीं होने पर नगला धारा, थाना एका, फिरोजाबाद के प्रदीप कुमार को पकड़ा गया। वह नगला पिपरानी, थाना शिकोहाबाद के परीक्षार्थी संसरी की जगह पर परीक्षा देने आया था। पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह कोचिंग और ट्यूशन पढ़ाता है। संसरी से उसकी मुलाकात नहीं है, उसके बड़े भाई नीरज कुमार ने 1 लाख रुपये में सौदा किया था। पास होने पर उसे 1 लाख रुपये मिलने थे। ऑनलाइन प्रवेशपत्र निकालने के बाद उसमें अपना फोटो लगाकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचा था।
केवाईसी में नहीं हुआ मिलान
हरीपर्वत स्थित एमडी जैन इंटर कॉलेज में फिरोजाबाद के थाना मटसेना स्थित गांव ततौली निवासी मनमोहन को पकड़ा गया। पूछताछ में बताया कि वह छोटे भाई जगमोहन की जगह पर परीक्षा देने आया था। वहीं सेंट जोंस कालेज में संदिग्ध परीक्षार्थी बसई मोहम्मदपुर, फिरोजाबाद निवासी प्रियंका को पकड़ा गया। उन पर केवाईसी के माध्यम से मिलान नहीं होने पर केस दर्ज कराया गया।
फेसबुक के माध्यम से हुई थी दोस्ती
खंदाैली। कस्बा में पकड़े गए आरोपी कृष्णकांत ने पुलिस की पूछताछ में बताया छह महीने पहले उसकी मुलाकात अशोक कुमार से फेसबुक पर हुई थी। अशोक ने उसे एक महीने पहले परीक्षा के बारे में बताया। उसे अपनी जगह परीक्षा में बैठने पर 30 हजार रुपये देने को लालच दिया था। उसे लगा कि पकड़ा नहीं जाएगा। इस पर वह राजी हो गया। शनिवार को वह टूंडला रेलवे स्टेशन पहुंचा। अशोक ने उसे फर्जी आधार कार्ड दिया, जिस पर नाम-पता अशोक कुमार का था, जबकि फोटो उसकी थी। मामले में सेंट एंड्रूज के प्रधानाचार्य सुनील उपाध्याय ने कृष्णकांत और अशोक के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस आरोपी अशोक कुमार की तलाश की जा रही है।
आगरा में पहले भी पकड़े गए साॅल्वर
आगरा में किसी परीक्षा में साॅल्वरों के पकड़े जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पुलिस, रेलवे सहित अन्य परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी पकड़े जा चुके हैं। पास कराने का भी ठेका गैंग ले चुके हैं। इनमें अलीगढ़, मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस के आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस भर्ती परीक्षा में कंप्यूटर में गड़बड़ी करके भी प्रश्न हल करने के मामले में भी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है।