प्रदेश भाजपा के संगठन चुनाव में इस बार मनमानी नहीं चलेगी। सांसयों-विधायकों के मनपसंद लोगों को जिला या मंडल अध्यक्ष की कुर्सी नहीं दी जाएगी। करीब 10 साल बाद लोकतांत्रिक तरीके से प्रदेश से लेकर बूथ तक की कार्यसमिति गठन का प्रयास है। इसलिए पूरी कोशिश है कि बैकडोर के बजाय पार्टी के मूल काडर वाले कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाए।
राष्ट्रीय महामंत्री व यूपी के संगठनात्मक चुनाव के पर्यवेक्षक विनोद तावड़े की उपस्थिति में सोमवार को भाजपा मुख्यालय में हुई कार्यशाला में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने की रूपरेखा पर चर्चा हुई। इस मौके पर मंडल व जिलाध्यक्षों के चुनाव के लिए 36 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इन्हीं की देखरेख में चुनाव होगा। कार्यशाला में 1918 मंडल और 98 जिलों के संगठनात्मक चुनाव को लेकर रोडमैप तैयार किया गया।
प्रत्येक तीन जिलों पर एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है। हालांकि, पर्यवेक्षकों की सूची जारी नहीं की गई है। बैठक में यह भी तय हुआ कि संगठन में सभी वर्गों के साथ ही महिलाओं और युवाओं को तरजीह दी जाए। पर्यवेक्षकों से कहा गया है कि वे अपने-अपने मंडल व जिलों में पूर्व व मौजूदा सांसदों, विधायकों, पूर्व जिलाध्यक्षों समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी विचार-विमर्श करने के बाद ही अध्यक्षों का चुनाव कराएंगे।
बैठक में तय किया गया कि सभी बूथ कमेटियों का गठन 5 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। चुनाव अधिकारियों और सह चुनाव अधिकारियों को लक्ष्य दिया गया कि बूथ कमेटियां गठित होने के बाद तुरंत बाद मंडल अध्यक्षों के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरू करें। सभी मंडल अध्यक्षों का चयन 15 दिसंबर और जिला अध्यक्षों का चुनाव 30 दिसंबर तक करा लिया जाएगा। बैठक में प्रदेश के चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल, प्रदेश सह प्रभारी संजीव चौरसिया, अपील कमेटी के प्रदेश संयोजक राजेंद्र अग्रवाल आदि शामिल हुए।
इन्हें बनाया गया पर्यवेक्षक
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी, सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, धर्मपाल सिंह, जेपीएस राठौर, जसवंत सैनी, सोमेंद्र तोमर, पंकज सिंह, पूर्व मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, शंकर गिरी, पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष एमपी सिंह, भाजपा संगठन में महामंत्री संजय राय, रामप्रताप सिंह, गोविंद नारायण शुक्ला, प्रियंका रावत, सुनीता दयाल, नीलम सोनकर, पूर्व सांसद पुष्पेंद्र चंदेल, सुब्रत पाठक, लल्लू सिंह समेत कई पदाधिकारियों को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इनके मंडल व जिलों का आवंटन नहीं किया गया है।
तीसरी बार नहीं मिलेगा मौका
बैठक में तय हुआ कि इस बार किसी भी अध्यक्ष को तीसरा मौका नहीं दिया जाएगा। जिस बूथ पर 50 सदस्य नहीं बनेंगे उस बूथ का भी गठन नहीं होगा। जिस मंडल में 50 प्रतिशत बूथों का गठन नहीं हुआ है, उस मंडल की कार्यकारिणी भी नहीं बनेगी। इन बूथों पर सदस्य बनाने और मंडल पर बूथों के गठन का लक्ष्य पूरा करने के बाद ही कार्यकारिणी का गठन होगा।
छह दिसंबर को मनाएंगे समता दिवस
धर्मपाल सिंह ने बताया कि भाजपा छह दिसंबर को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर निर्वाण दिवस को सभी बूथों पर समता दिवस के रूप में मनाएगी। इसके बाद 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सभी बूथों पर सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 26 दिसंबर को जिला स्तर पर राष्ट्रीय बाल शहीदी दिवस मनाया जाएगा।
संगठन में युवाओं को मिले भागीदारी : तावड़े
तावड़े ने कहा कि इस बार संगठन के चुनाव में पार्टी के सिद्धांतों के आधार पर आम सहमति से युवा वर्ग को संगठन विस्तार में अहम भूमिका दी जाए। भाजपा सिर्फ सत्ता प्राप्ति के लिए राजनीति नहीं करती, बल्कि वह राजनीति के साथ सेवा के लिए भी जानी जाती है। संगठन के विस्तार में पार्टी की विचारधारा के अनुरूप कार्यकर्ताओं को प्रेरित करके आगे लाना चाहिए।
पांच तक गठित हो जाएंगी बूथ कमेटियां : महेंद्र
प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि पांच दिसंबर तक सभी बूथ कमेटियां गठित कर ली जाएंगी। अब तक 98000 बूथ समितियों का चुनाव हो चुका है। पोर्टल पर भी कमेटियों के गठन की सूचना अपलोड की जा रही है। भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने कहा कि सभी प्रमुख पदाधिकारी प्रवास करें और संगठन चुनाव तक उसी जिले में रह कर हर वर्ग को संगठन में जिम्मेदारी देने का प्रयास करें। प्रदेश में भाजपा के 2.60 करोड़ सामान्य सदस्यता बने हैं। इनमें से 2.05 लाख कार्यकर्ता सक्रिय सदस्य बने हैं। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि संगठन के चुनाव निर्विरोध एवं निर्बाध हों इसके लिए आपस में टीम भावना के साथ सहमति के आधार पर कार्य करना है।