चुनावी मौसम (election season) में नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में पलायन (Migration of leaders from one party to another) होता रहता है. इस बार के यूपी चुनाव (UP Election) में भी कई बड़े नेताओं ने एक पार्टी का दामन छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थामा है. कई ऐसे भी नेता रहे हैं जिन्हें चुनावी मौसम में यूं दल बदलने का फायदा हो गया है। अब बीजेपी (BJp) ने यूपी के लिए अपनी जो तीसरी लिस्ट जारी की है, उसे देख ऐसा कहा जा सकता है। कई दलबदलू नेताओं को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है।
सबसे बड़ा उदाहरण तो रायबरेली सदर से इस बार बीजेपी ने कांग्रेस से आईं अदिति सिंह को मौका दे दिया है। वहीं दूसरी तरफ सिरसागंज से हरी ओम यादव को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वे मुलायम सिंह यादव के समधी हैं और कुछ दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे. हरचंदपुर सीट की बात करें तो वहां से इस बार कांग्रेस से आए राकेश सिंह को उम्मीदवार घोषित किया गया है।
इसी तरह तिलहर से सलोना कुशवाहा को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. कुछ समय पहले तक वे समाजवादी पार्टी में शामिल थीं, लेकिन ऐन वक्त पर बीजेपी का दामन थाम लिया. हरदोई की सीट पर भी दलबदलू को मौका दिया गया है. सपा से आए नितिन अग्रवाल को बीजेपी ने टिकट दे दिया है. पुरवा और सादाबाद सीट पर भी यही ट्रेंड देखने को मिला है. दोनों सीटों पर पार्टी ने दलबदलू पर ज्यादा विश्वास जताया है. एक तरफ पुरवा से बसपा से आए अनिल सिंह को मौका दिया गया है तो वहीं दूसरी तरफ सादाबाद सीट से रामवीर उपाध्याय को उतारा गया है. वे भी बसपा छोड़ बीजेपी में आए हैं।
वैसे बीजेपी की इस वाली सूची में एक और बात ध्यान देने लायक है. पार्टी की तरफ से कई बड़ी सीटों पर महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया गया है. बीजेपी ने 85 में से 15 महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं 15 ही वर्तमान विधायकों का बीजेपी ने इस बार टिकट भी काट दिया है।