UP Assembly Election 2022 : पहले और दूसरे दौर के चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की सूची अब फाइनल दौर में चल रही है। हर विधानसभा से तीन—तीन नामों अंत में छाटे गए हैं। इन तीनों नामों में एक का टिकट फाइनल किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो आगामी 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के दिन या फिर 15 जनवरी को भाजपा की उम्मीदवारों की सूची जारी हो सकती है। सूची जारी को लेकर काफी मंथन चल रहा है।
इन नेताओं को पार्टी देगी वरीयता
भाजपा अपनी साफ सुथरी छवि बरकरार रखने की पूरी कोशिश करेगी। इस कारण से पार्टी अपराधिक और घोटाले में लिप्त नेताओं को टिकट देने से परहेज करेगी। यानी पार्टी उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट देगी जो कि साफ सुथरी छवि के होंगे और उन पर किसी प्रकार का कोई अपराधिक मुकदमा नहीं दर्ज होगा। पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची आपराधिक छवि वाले नेताओं का टिकट कटेगा।
भाजपा अपनी साफ सुथरी छवि बरकरार रखने की पूरी कोशिश करेगी। इस कारण से पार्टी अपराधिक और घोटाले में लिप्त नेताओं को टिकट देने से परहेज करेगी। यानी पार्टी उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट देगी जो कि साफ सुथरी छवि के होंगे और उन पर किसी प्रकार का कोई अपराधिक मुकदमा नहीं दर्ज होगा। पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची आपराधिक छवि वाले नेताओं का टिकट कटेगा।
इसके अलावा दूसरे दलों से आए नेेताओं को भी भाजपा टिकट देगी। लेकिन इसके साथ शर्त होगी कि जिस दलबदलू नेता को टिकट दिया जाए जा रहा है वो जिताऊ होना चाहिए। इसी के साथ नॉन परफॉर्मिंग विधायकों के भी भाजपा टिकट काटेगी। टिकट कटने को लेकर कुछ विधायकों में काफी बेचैनी देखी जा रही है। विधायकों की दौड़ दिल्ली और लखनऊ के बीच हो रही है। वहीं कुछ विधायकों ने अपने आकाओं और राजनैतिक संरक्षकों को भी टिकट की पैरवी में लगा दिया है।
संघ का रहेगा दखल
इस बार भी चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के नाम फाइनल करने में संघ का दखल रहेगा। संघ से भाजपा में आए नेताओं को टिकट देने में वरीयता दी जाएगी। संघ ऐसे स्वयंसेवकों की पैरवी टिकट के लिए कर रहा है। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में संघ से भाजपा में आए दिग्गज नेता ने टिकट दिलवाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि ये दिग्गज नेता अब भाजपा में नहीं हैं। उनको कहीं दूसरी जगह भेज दिया गया है। लेकिन जिन लोगों को भी इस नेता ने टिकट दिलवाया था वो उम्मीदवार चुनाव जीते थे। इस बार भी संघ कुछ ऐसी ही भूमिका निभाने की कोशिश में हैं कि जिन्हें भी टिकट मिले वो जिताऊ उम्मीदवार हो और टिकाऊ भी हो।
इस बार भी चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के नाम फाइनल करने में संघ का दखल रहेगा। संघ से भाजपा में आए नेताओं को टिकट देने में वरीयता दी जाएगी। संघ ऐसे स्वयंसेवकों की पैरवी टिकट के लिए कर रहा है। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में संघ से भाजपा में आए दिग्गज नेता ने टिकट दिलवाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि ये दिग्गज नेता अब भाजपा में नहीं हैं। उनको कहीं दूसरी जगह भेज दिया गया है। लेकिन जिन लोगों को भी इस नेता ने टिकट दिलवाया था वो उम्मीदवार चुनाव जीते थे। इस बार भी संघ कुछ ऐसी ही भूमिका निभाने की कोशिश में हैं कि जिन्हें भी टिकट मिले वो जिताऊ उम्मीदवार हो और टिकाऊ भी हो।