सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि लद्दाख को बचाने की कोशिश अपनी सीमावर्ती जमीन को बचाना भी है। अगर चारागाह पर धीरे-धीरे दूसरों का कब्जा होता जाएगा तो लद्दाख के पश्मीना चरवाहों की भेड़-बकरियों व उनसे जुड़े उत्पादों के लिए घोर संकट पैदा हो जाएगा। इसका सीधा संबंध लद्दाख के समाज के जीवनयापन से जुड़ा है।
उन्होंने बुधवार को जारी बयान में कहा कि लद्दाख के मुद्दे को बड़े चश्मे से देखने की जरूरत है। लद्दाख के मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता मानना चाहिए। सरकार को बार-बार लद्दाख की परेशानियों और चुनौतियों की याद दिलानी पड़ती है।
उन्होंने कटाक्ष किया कि पानी और नमक के सहारे अनशन करने वालों का महत्व भाजपा क्या समझेगी, जो नमक का कर्ज तक चुकाना नहीं जानती। अखिलेश ने कहा कि देश की जनता सोनम वांगचुक के लद्दाख, देश की सीमाओं व पर्यावरण की रक्षा के लिए किये जा रहे संघर्ष में हर तरह से उनके साथ है।