देश में कोरोना संकट के बीच लागू हुए अनलॉक 1 में राज्य सरकार थोड़ी ढ़ील दे रही है. ताकि फिर से अर्थव्यवस्था गति पकड़ सके. लेकिन इन दिनों अनलॉक 1 में मिली छूट के दौरान बिहार के बेगूसराय में नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. दरअसल सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइंस में 8 जून से यानि आज से सभी धार्मिक स्थलों व हॉटल, रेस्तरां को खोलने की मंजूरी दे दी गई थी, हालांकि सरकार ने प्रशासन से सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराने की भी बात कही है. इस बीच बिहार के बेगूसराय में पूजा-पाठ को लेकर दो गुटों में हुई बहस बाजी से स्थानीय प्रशासन को निपटना पड़ा. पूरा मामला तेघड़ा थाना क्षेत्र के गौड़ा दो पंचायत का है. जहां भक्तों की करतूत की वजह से हनुमान जी की मूर्ती को थाने लाया गया. और फिर प्रशासन ने अपने स्तर पर इस विवाद को सुलझाया. फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. चलिए जानते हैं क्या है ये पूरा विवाद..
बता दें कि बेगूसराय में सड़क किनारे सरकारी जमीन पर वार्ड सदस्य प्रतिनिधि ने हनुमान जी की मूर्ति लगा दी, जिसके बाद गांव में विवाद शुरू हो गया. आरोप है कि स्थानीय वार्ड सदस्य के पति कामो महतो द्वारा सड़क किनारे जानबूझकर विवाद खड़ा करने के लिए हनुमान जी की मूर्ति लगाई गई. जबकि एक व्यक्ति पहले से इस जमीन पर रह रहा था. हनुमान जी की मूर्ति बैठाने के बाद पहले तो घरवालों ने विरोध किया उसके बाद गांव वालों ने विरोध शुरू कर दिया साथ ही लोगों ने हनुमान जी की मूर्ति वहां से हटाकर सड़क पर रख दी, जिसके बाद गांव में स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो गई.
विवाद बढ़ने की सूचना मिलने पर पहुंचे एसडीओ निशांत रंजन हनुमान जी की मूर्ति को पुलिस अभिरक्षा में थाने लेकर पहुंच गए. मजिस्ट्रेट की देखरेख में तेघड़ा पुलिस ने हनुमान जी की मूर्ति को सड़क से हटाकर तेघड़ा थाना में लाकर रख दिया है. फिलहाल हनुमान जी की मूर्ति कि थाने में भी पूजा-अर्चना की जा रही है. विवाद को बढ़ते देख एसडीओ ने मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की है. बहरहाल अब स्थिति कंट्रोल में है इस मामले से पूरे गांव में तनाव का माहौल बन गया था. ये पूरा वाकया तेघड़ा थाना क्षेत्र के गौरा दो पंचायत के मरसैती गांव का है.