पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान (Pakistan) को भारत की ओर से किसी बड़े हमले का डर सता रहा है। भारत में भी बैठकों का दौर चल रहा है, जिससे किसी बड़े ऐक्शन की संभावना जताई जा रही है। पाकिस्तान ने भी खुद को बचाने के लिए पैंतरेबाजी शुरू कर दी है। उसे चीन, तुर्की जैसे देशों से समर्थन मिल रहा है। इस बीच, तुर्की का एक मिलिट्री डेलिगेशन आनन-फानन में पाकिस्तान भी पहुंच गया है, जिससे उस पर साजिश रचने के सवाल उठने लगे हैं।
तुर्की के जनरल स्टाफ के खुफिया प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल यासर कादिओग्लू की अध्यक्षता में तुर्की सैन्य और खुफिया प्रतिनिधिमंडल ने रणनीतिक स्तर की बातचीत के लिए इस्लामाबाद में पाकिस्तानी एयरफोर्स के हेडक्वार्टर का दौरा किया है। इस दौरान उनकी मुलाकात पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू, एयर चीफ ऑफ द एयर स्टाफ आदि से हुई।
तुर्की के जनरल स्टाफ के खुफिया प्रमुख समेत अन्य का यह पाकिस्तानी दौरा उस समय हो रहा है, जब पहलगाम हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान में काफी तनाव है। सूत्रों की मानें तो दोनों देशों की बातचीत के एजेंडे में क्षेत्रीय सुरक्षा, सैन्य प्रशिक्षण सहयोग और खुफिया जानकारी को साझा करना था। इससे पहले, हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि तुर्की पाकिस्तान की सहायता कर रहा है और वह पाकिस्तान को हथियार और गोला-बारूद मुहैया करा रहा है। कहा गया था कि एक तुर्की C-130E हरक्यूलिस सैन्य उपकरण कथित तौर पर पहुंचाने के लिए कराची में उतरा। हालांकि, बाद में तुर्की ने इन दावों को खारिज कर दिया। कहा गया कि तुर्की का एक मालवाहक विमान केवल ईंधन भरने के उद्देश्य से पाकिस्तान में उतरा था।
तुर्की के अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि तुर्की द्वारा पाकिस्तान को हथियारों से भरे छह विमान भेजने के बारे में कुछ मीडिया आउटलेट्स में प्रसारित दावे सच नहीं हैं। दोनों देशों के बीच आपसी हितों के विभिन्न मुद्दों पर सहयोग और समन्वय के लिए उच्च स्तरीय रणनीतिक सहयोग परिषद (HLSCC) के रूप में एक उच्च स्तरीय मंच है। इससे पहले, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के करीब एक हफ्ते बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का आह्वान किया था। अंकारा में कैबिनेट की बैठक के बाद एर्दोगन ने कहा, “हम चाहते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव को जल्द से जल्द कम किया जाए, इससे पहले कि यह और गंभीर स्थिति में बदल जाए।” उन्होंने आगे कहा कि तुर्की हर अवसर पर इस बात पर जोर देता है कि हम अपने क्षेत्र और उससे आगे नए संघर्ष नहीं चाहते हैं।