तुर्की (Turkiye) का पाकिस्तान (Pakistan) प्रेम उसपर लगातार भारी पड़ रहा है. एक ओर जहां भारत (India) में बायकॉट तुर्की (Boycott Turkey) मुहिम के तहत वहां के सामानों के बहिष्कार से आर्थिक चोट लग रही है, तो भारत में अपना कारोबार कर रही तुर्किश कंपनियों का बुरा हाल है. इसका ताजा उदाहरण Turkish Aviation Company Celebi है. जी हां, बीते गुरुवार को ही भारत सरकार ने तुर्की की इस ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी सेलेबी एविएशन सिक्योरिटी क्लियरेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था और भारत के इस एक्शन का ऐसा असर हुआ कि दो ही दिन में कंपनी की वैल्यूएशन एक तिहाई घट गई. यही नहीं कंपनी के भारत में काम कर रहे करीब 3800 कर्मचारियों की नौकरी (Celebi Job Cut Crisis) भी संकट में आ गई.
PAK का साथ और भारत का एक्शन
सबसे पहले बताते हैं कि आखिर तुर्की कैसे भारत के निशाने पर आया है. तो बता दें कि बीते 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान और POK में एयर स्ट्राइक कर तबाही मचाई गई. इससे बौखलाए पाक ने जब सीमा पर नापाक हरकत की, तो वहां भी उसे भारतीय प्रहार के चलते बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच चीन के साथ-साथ तुर्की ने भी पाकिस्तान का समर्थन किया. यही नहीं बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत की गई आतंक विरोधी कार्रवाई की भी आलोचना की गई. जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव जारी है और भारत में Boycott Turkey मुहिम जोर पकड़ने लगी.
तुर्की को एक के बाद एक झटका
तुर्की को उसका पाकिस्तान प्रेम और भी भारी तब पड़ा, जब बीते सप्ताह गुरुवार को भारत सरकार ने ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस प्रोवाइडर तर्किश कंपनी सेलेबी एविएशन (Celebi Aviation) का सिक्योरिटी क्लियरेंस रद्द कर दिया है. एक आधिकारिक आदेश में इसकी पुष्टि करते हुए कहा गया कि ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के हित में उठाया गया है. गौरतलब है कि नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा जारी आदेश के अनुसार सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Celebi Airport Services India Pvt Ltd) को 21 नवंबर 2022 को ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी के रूप में सुरक्षा मंजूरी दी गई थी, जिसे अब रद्द कर दिया गया है. सेलेबी एविएशन देश के 9 बड़े एयरपोर्ट्स जिनमें दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे संवेदनशील एयरपोर्ट शामिल हैं, उन पर ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो सेवा और एयरसाइड ऑपरेशन जैसे हाई सिक्योरिटी वाले कार्यों को कर रही थी.
ये बड़ा झटका लगने से पहले बायकॉट तुर्की मुहिम के तहत वहां से आने वाले सेब से लेकर अन्य सामनों तक का बहिष्कार शुरू कर दिया गया था. यही नहीं काफी हद तक टूरिज्म निर्भर तुर्की की इकोनॉमी को भारत से पंगा लेना तब और भारी पड़ने लगा, जब तमाम ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स ने भी वहां के पैकेज रद्द करने शुरू कर दिए. EaseMyTrip, MakeMyTrip और Ixigo जैसे ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स ने यात्रियों को तुर्की और अजरबैजान की यात्रा से बचने की सलाह जारी की है. वहीं, Go Homestays ने तुर्की एयरलाइंस के साथ अपना करार समाप्त कर दिया है.
तुर्किश कंपनी का शेयर धड़ाम
सेलेबी के हवाईअड्डा परिचालन के लिए सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के भारत के चौंकाने वाले फैसले से Celebi Airport Services India की वैल्यूएशन में एक झटके में करीब 200 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है और तुर्की की कंपनी के ग्लोबल रेवेन्यू का एक तिहाई हिस्सा स्वाहा हो गया है. इस्तांबुल स्टॉक एक्सचेंज ( Istanbul Stock Exchange) में महज दो कारोबारी सत्रों में सेलेबी हावा सर्विसी एएस के शेयर (Celebi Hava Servisi AS Share) में 20% की गिरावट आई और ये बीते शुक्रवार तर गिरकर 2,002 लीरा पर आ गया. इस गिरावट से कंपनी की मार्केट वैल्यू घटकर लगभग 4.8 बिलियन तुर्की लीरा रह गई, जो इसके 52-वीक के हाई लेवल से 30% कम है.
भारत के एक्शन से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई समेत भारत के 9 सबसे व्यस्त हवाई अड्डों पर सेलेबी का परिचालन ठप हो गया. यही नहीं इन प्रमुख हवाई अड्डों ने पहले ही अनुबंधों को फिर से आवंटित कर दिया है, जिससे तुर्किश एविएशन कंपनी की तत्काल वापसी के सभी दरवाजे भी बंद हो गए हैं. बता दें कि सेलेबी ने पिछले वित्त वर्ष 24 में 1,522 करोड़ रुपये का राजस्व और 393 करोड़ रुपये का EBITDA योगदान दिया था. इसकी सबसे अधिक लाभ कमाने वाली यूनिट्स में Celebi Delhi Cargo और Celebi NAS रही थीं, इन्होंने टैक्स के बाद संयुक्त रूप से 188 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था.
3800 कर्मचारियों पर नौकरी का संकट!
इसके बाद जहां कंपनी पर अपने भारतीय कारोबार से जुड़े 183 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज का बोझ है, तो परिचालन ठप होने से अब ये देनदारियां अनिश्चित स्थिति में पहुंच गई हैं. इसके अलावा देश में ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर में इसके 200-250 मिलियन डॉलर के निवेश को बट्टे खाते में डाले जाने या फिर से इस्तेमाल किए जाने का जोखिम है. इससे राहत पाने के लिए सेलेबी ने राहत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया है और इसकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी है. कथित तौर पर भारत की कार्रवाई से कंपनी के 3,800 से अधिक कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. हालांकि हवाईअड्डों ने अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स के माध्यम से उन्हें समायोजित करने का वादा जरूर किया है.