देहरादून-कोटा नंदादेवी एक्सप्रेस व देहरादून-पुरानी दिल्ली मसूरी एक्सप्रेस जैसी स्पेशल ट्रेनों से यदि किसी यात्री को हरिद्वार तक की यात्रा करनी है तो उसे नई दिल्ली तक का किराया देना होगा। रेलवे बोर्ड ने स्पेशल ट्रेनों के किराए और आरक्षण को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें आरक्षण की नीतियों में भी बदलाव किया गया है। स्पेशल ट्रेनों में कम से कम अगले 10 दिन और अधिक से अधिक 60 दिन के बीच आरक्षण की सुविधा मिलेगी।
कोरोना संकट के बीच यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे बोर्ड की ओर से स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा के मुताबिक कोरोना संकट के बीच संचालित स्पेशल ट्रेनों के किराए को लेकर नई नीतियां लागू की गई हैं। साधारण, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित कोच में न्यूनतम 500 किलोमीटर तक का किराया देना होगा। जबकि वातानुकूलित चेयर कार और इकोनॉमी क्लास के लिए न्यूनतम 250 किलोमीटर दूरी का किराया देना होगा।
प्रथम श्रेणी के वातानुकूलित कोच के लिए यात्रियों को न्यूनतम 300 किलोमीटर की दूरी तक का किराया देना होगा। वहीं, साधारण कोच में न्यूनतम दूरी 100 किलोमीटर तय की गई है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक टिकट वास्तविक दूरी का बनेगा, लेकिन किराए का भुगतान तय की गई दूरी के अनुसार देना होगा। यदि ट्रेन की कुल दूरी प्रतिबंध से कम है तो प्रारंभिक स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक का किराया लिया जाएगा।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा के मुताबिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रियों को किराए में कोई रियायत नहीं दी जाएगी। किराए के अलावा अन्य सभी सामान्य नियम लागू होंगे। मसलन रद्दीकरण, मोडिफिकेशन, डुप्लीकेट टिकट, रिफंड नियम पूर्व की भांति होंगे। स्पेशल गाड़ियों में क्लस्टर बुकिंग, करंट बुकिंग की अनुमति दी गई है। आरक्षण कराते समय यात्रियों को आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क और सर्विस टैक्स अलग से देना होगा। रेलवे बोर्ड की ओर से संचालित स्पेशल ट्रेनों में टिकटों की बुकिंग सिर्फ रेलवे के काउंटर एवं इंटरनेट के जरिये ही होगी।