केरल की एक अदालत ने 2016 में कोल्लम कलेक्ट्रेट में हुए आईईडी विस्फोट से संबंधित मामले में सोमवार को तीन लोगों को दोषी ठहराया है। सभी दोषी अल-कायदा के आतंकी ओसामा बिन लादेन की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले चरमपंथी समूह से जुड़े थे। जबकि, चौथे आरोपित को अपर्याप्त सबूतों के कारण बरी कर दिया गया।
अदालत ने इन्हें ठहराया दोषी
कोल्लम शहर के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य सत्र न्यायालय ने यह फैसला सुनाया और मंगलवार को सजा सुनाई जाएगी। जिला मुख्य सत्र न्यायालय के न्यायाधीश जी गोपाकुमार ने फैसला सुनाया, जिसमें मदुरै के इस्माइल पुरम के अब्बास अली, पुदुर के शमसुन करीम राजा और पल्लीवासल के दाऊद सुलेमान को दोषी पाया गया है।
2016 में हुआ था धमाका
गौरतलब है कि कलेक्ट्रेट परिसर में जीप में बम विस्फोट 15 जून, 2016 को हुआ था। एक आईईडी बम को टिफिन बॉक्स में छिपाकर कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी जीप में रखा गया था। मुंसिफ कोर्ट के पास सुबह पौने 10.45 बजे जोरदार आवाज के साथ विस्फोट हुआ।
इन धाराओं में दर्ज किया गया था केस
जांच में एनआईए अधिकारियों ने आरोपितों के घरों की तलाशी ली और लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए थे। आरोपितों के खिलाफ मामले में यूएपीए, आपराधिक षड्यंत्र, हत्या का प्रयास और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आरोप शामिल हैं।
आरएसएस नेता की हत्या के आरोप में एनडीएफ कार्यकर्ता को आजीवन कारावास
केरल की एक अदालत ने 2005 में उत्तरी जिले में एक आरएसएस नेता की हत्या के लिए 39 वर्षीय एनडीएफ कार्यकर्ता को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एनडीएफ बाद में प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) बन गया। इसके सदस्य एमवी मार्शूक को थालास्सेरी के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश फिलिप थामस ने सजा सुनाई।
2005 में हुई थी आरएसएस नेता की हत्या
जज ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दो नवंबर को अपर्याप्त सुबूतों के कारण अदालत ने इस मामले में 13 अन्य आरोपितों को बरी कर दिया था। यह मामला 10 मार्च 2005 को आरएसएस के कन्नूर जिले के बौद्धिक प्रमुख अश्विनी कुमार की हत्या से जुड़ा है।
आरोपित ने रोककर चाकू से किया था हमला
अश्विनी कुमार पर कन्नूर से पेरावूर की बस से यात्रा करते समय हमला किया गया था। आरोपित ने उसे इरिट्टी के पझायनचेरी मुक्कू में रोका और उस पर चाकू से हमला कर दिया था।