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तेलंगाना का जंगल बना रणभूमि, IED ब्लास्ट में 5 शहीद, जवाबी फायर में 8 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चल रहे अब तक के सबसे बड़े नक्सल-विरोधी ऑपरेशन के बीच नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। तेलंगाना के वज़ीदू क्षेत्र में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने ग्रेहाउंड्स बल की टीम को निशाना बनाकर IED विस्फोट कर दिया जिसमें 5 वीर जवान शहीद हो गए और एक अन्य गंभीर रूप से घायल है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्रेहाउंड्स की यह टीम वज़ीदू से ऑपरेशन में शामिल होने के लिए रवाना हुई थी। सीमावर्ती इलाके में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के दौरान यह दुखद विस्फोट हुआ। हालांकि सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई में बहादुरी दिखाते हुए 8 नक्सलियों को मार गिराया है जिनमें नक्सली संगठन के बड़े सदस्य सीसी सदस्य चंद्रना और एसजेडसीएम बंडी प्रकाश भी शामिल हैं। फिलहाल मुठभेड़ जारी है और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है।

कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में अब तक 22 नक्सली ढेर 

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ जो इस एंटी-नक्सल ऑपरेशन का केंद्र बना हुआ है वहां सुरक्षाबलों को अब तक बड़ी सफलता मिली है। पिछले दो हफ्तों से जारी घेराबंदी और सघन तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप अब तक 22 नक्सलियों को मार गिराया गया है। 6 मई की रात को चलाए गए एक बड़े अभियान में सुरक्षाबलों ने एक के बाद एक कई नक्सलियों को ढेर किया। सेना के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सुरक्षाबल कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर लेंगे क्योंकि पहले ही तीन में से दो पहाड़ियों पर उनका कब्जा हो चुका है।

कौन हैं ग्रेहाउंड्स, जो बने नक्सलियों का शिकार?

ग्रेहाउंड्स तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस की एक विशेष और अत्यंत कुशल बल इकाई है। यह बल नक्सलियों और माओवादी आतंकियों के खिलाफ गुप्त और सटीक ऑपरेशनों को अंजाम देने में विशेषज्ञता रखता है। घने जंगलों और दुर्गम इलाकों में लड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त यह बल अक्सर माओवादी गतिविधियों को रोकने में सबसे आगे रहता है।

 

तनाव के बीच ऑपरेशन 

इस दुखद हमले के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल व्याप्त है लेकिन सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं और नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से जवानों को धोबे की पहाड़ियों पर उतारा गया था जहां से कर्रेगुट्टा पर दबाव बनाया गया। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह ऑपरेशन अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है।