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जातीय जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव का पीएम मोदी को पत्र, जल्द कास्ट सेंसस कराने की मांग

पटना: केंद्र सरकार के पूरे देश में जातीय जनगणना कराने के फैसले पर अब बिहार की सियासत तेज हो गई है. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भाजपा नेताओं और केंद्र सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. ये जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दी है.

आदरणीय प्रधानममंत्री जी,

‘देश भर में जाति जनगणना कराने की घोषणा के बाद, मैं आज आपको सतर्क आशावाद की भावना के साथ पत्र लिख रहा हूं. वर्षों से आपकी सरकार और एनडीए गठबंधन ने जाति जनगणना की मांग को विभाजनकारी और अनावश्यक बताकर खारिज कर दिया था. जब बिहार ने अपने संसाधनों से जाति सर्वेक्षण कराने की पहल की, तो केंद्रीय सरकार और उसके शीर्ष कानून अधिकारी ने हर कदम पर बाधाएं खड़ी कीं. आपकी पार्टी के सहयोगियों ने इस तरह के डेटा संग्रह की आवश्यकता पर ही सवाल उठाए. अनेक प्रकार कि फूहड़ और अशोभनीय टिप्पणियां की गई. आपका विलंबित निर्णय उन नागरिकों की मांगों की व्यापकता को स्वीकार करता है, जिन्हें लंबे समय से हमारे समाज के हाशिये पर रखा गया है.

सादर,
तेजस्वी प्रसाद यादव,नेता विपक्ष, बिहार विधानसभा

अपने पत्र में तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि बिहार के जाति सर्वेक्षण ने, जिसमें पता चला कि ओबीसी और ईबीसी हमारे राज्य की आबादी का लगभग 63% हिस्सा हैं. यथास्थिति बनाए रखने के लिए फैलाए गए कई मिथकों को तोड़ दिया गया. इसी तरह के पैटर्न देशभर में सामने आने की संभावना है. वंचित समुदाय हमारी आबादी का अधिकांश हिस्सा होने के बावजूद हर जीवन क्षेत्र में कम प्रतिनिधित्व रखते हैं. ऐसे में मुझे यकीन है कि यह खुलासा एक लोकतांत्रिक जागरण पैदा करेगा.