हरियाणा के सरकारी स्कूलों (Haryana Govt School) में कार्यरत अध्यापकों के लिए शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है. शिक्षा निदेशालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि बिना मंजूरी के विदेश जाने वाले अध्यापकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ- साथ उन्हें स्कूल से गैरहाजिर माना जाएगा. विभाग ने ऐसे अध्यापकों की रिपोर्ट तलब की है.
मौलिक शिक्षा निदेशक ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे शिक्षकों की तीन साल की रिपोर्ट मांगी है. इसमें शिक्षकों के पासपोर्ट की कॉपी से लेकर विदेश जाने का कारण भी पूछा गया है. विभाग ने कहा है कि शिक्षा निदेशालय को बिना सूचना दिए विदेश की उड़ान भरने वाले अध्यापकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
बिना विभागीय अनुमति के जा रहे विदेश
शिक्षा निदेशालय का कहना है कि बिना विभागीय अनुमति के अध्यापक विदेश जा रहें हैं और वहां जाने के बाद न तो संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट कर रहे हैं और न ही यह उल्लेख कर रहे हैं कि विदेश से कब वापस लौटेंगे.
शिक्षा विभाग ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाते हुए हिदायत दी है कि विदेश जाने के लिए सभी पीआरटी, सीएंडवी, टीजीटीएस, ईएसएचएम को विभागीय अनुमति लेना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि कोई अध्यापक बिना अनुमति के विदेश गया तो, इसे संबंधित डीईईओ की चूक माना जाएगा.
विदेश जाकर बस रहे हैं अध्यापक
शिक्षा निदेशालय की जानकारी के अनुसार, विदेश जाने वाले अध्यापकों की संख्या अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, सिरसा और फतेहाबाद जिलों से हैं. कुछ अध्यापक बिना विभागीय अनुमति के विदेश जाकर वहीं बस भी रहे हैं. अध्यापकों की इस लापरवाही पर शिक्षा विभाग ने नाराजगी जाहिर करते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कोई अध्यापक बिना अनुमति के विदेश जाता है, तो उसे ड्यूटी से गैर हाजिर मानते हुए विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.