मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरे पर राज्य में से सामाजिक बुराईयों को जड़ से खोदने का संकल्प लेने का न्योता दिया।
यहां श्री राम लीला कमेटी की तरफ से मनाए गए दशहरे के त्योहार के दौरान इक्_ को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े गर्व और संतोष की बात है कि यहां उत्तर भारत में सबसे बड़े स्तर पर दशहरा उत्सव मनाया गया। इस त्योहार को मनाने के लिए यहां डेढ़ लाख से अधिक लोग इक्ठ्ठा हुए हैं। भगवंत मान ने प्रशासन को कहा कि आने वाले समय में इस त्योहार को और बड़े स्तर पर मनाने को यकीनी बनाने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएं। उन्होंने कहा कि दशहरा ग्राऊंड के तौर पर जाने जाते स्थान को आने वाले समय में और बड़ा बनाना चाहिए, जिसके लिए जरुरी कदम उठाए जाने चाहिएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब को मैडीकल शिक्षा के केंद्र के तौर पर उभारने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि होशियारपुर में निर्माणाधीन मैडीकल कालेज आने वाले साल से चालू हो जाएगा, जिससे लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी तरह होशियारपुर में और विकास कार्य शुरू किए जाएंगे, जिससे शहर की नुहार बदलेगी।
अपने पिछले दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दशहरे का त्योहार मनाने के लिए सुनाम जाते थे। भगवंत मान ने कहा कि वह इस समागम में मुख्य मेहमान के तौर पर नहीं, बल्कि भगवान श्री राम के विनम्र श्रद्धालु के तौर पर शिरकत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समागम के असली मुख्य मेहमान भगवान राम हैं, जिन्होंने युगों से समूची मानवता को आशीर्वाद दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में मशहूर होशियारपुर के दशहरे का हिस्सा बनना बहुत खुशी और मान की बात है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उत्तरी भारत के सबसे बड़े दशहरे का हिस्सा बन कर वह ख़ुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि होशियारपुर शहर में एकजुट होकर लोगों की तरफ से एक ही दशहरा मनाया जा रहा है जबकि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी एकजुटता अन्य शहरों में कम ही देखने को मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दशहरे का त्योहार हमें अचल रहने, अपने गुस्से पर काबू रखने और नफऱत से दूर रहने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि यह तीनों ही कारक सबसे बुद्धिमान व्यक्ति के लिए भी पतन का कारण बनते हैं। मान ने कहा कि त्योहार हमें आपसी भाईचारक सांझ रखने का उपदेश भी देते हैं और उन्होंने लोगों को राज्य की पुरातन शान बहाल करने के लिए सामाजिक बुराइयों को जड़ से ख़त्म करने का न्योता दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नेकी की बुराई’ पर जीत का प्रतीक यह त्योहार हमें हमारे अमीर सांस्कृतिक विरासत की याद दिलाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हमारे देश में इस त्योहार को मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है, जो समाज में सदभावना, शान्ति और भाईचारक सांझ को प्रफुलित करने के साथ-साथ समान समाज की सृजना करके आदर्श जीवन जीना के लिए सीख देने संबंधी अग्रणी भूमिका निभाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस खुशी के अवसर पर को राज्य में शान्ति, सदभावना और भाईचारक सांझ को बढ़ाने के लिए ख़ुद को समर्पित करके सौहार्द के साथ त्योहार मनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को इस त्योहार को जाति-पाति, नस्ल और रंग के भेदभाव से ऊपर उठ कर पूरे धार्मिक उत्साह के साथ मनाना चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि यह त्योहार हमें एकता और भाईचारक सांझ का संदेश देते हैं और इस दिन हमें सभी सामाजिक बुराईयों से छुटकारा पाकर अपने राज्य को देश का अग्रणी बनाने का प्रण लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि दशहरे का असली महत्व प्यार और धर्म निरपक्षता के साथ-साथ