त्रियोदशी 23 अक्तूबर की शाम 6 बजाकर 03 मिनट तक होने के कारण धनतेरस का पूजन 23 अक्तूबर को ही किया जाएगा। जबकि, कार्तिक कृष्ण अमावस्या को वर्ष का दूसरा व अंतिम सूर्य ग्रहण तथा कार्तिक पूर्णिमा को अंतिम खग्रास चंद्र ग्रहण लग रहा है। इन दोनों ग्रहण का दर्शन व प्रभाव भारत में होगा। दीपावली के अगले दिन 25 अक्तूबर मंगलवार को सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र व तुला राशि में लगेगा।
इस बार दीपावली को लेकर अभी तक लोगों में संशय बना हुआ है परंतु पंडितों के अनुसार, दीवाली 24 अक्तूबर की मनाई जाएगी। पंडित उमेश सैनरा ने बताया कि 23 अक्तूबर को त्रियोदशी शाम के 6 बजकर 03 मिनट तक है। जिसके चलते धनतेरस की पूजा और छोटी दीवाली 23 अक्तूबर को ही मनाई जाएगी। पंडित रमाशंकर तिवारी गढ़मुक्तेश्वर ने बताया कि 23 अक्तूबर की शाम को 6.03 बजे से चतुर्दशी आ रही है, जिस कारण शाम 24 की शाम को अमावस्या आ जाएगी। इस लिए 24 अक्तूबर की रात को अमावस्या की रात हैं, जिस लिए 24 को ही दीवाली मनाई जाएगी।
25 अक्तूबर को होगा सूर्य ग्रहण
- पंड़ित उमेश सैनरा ने बताया कि 25 अक्तूबर को अमावस्या हैं और सूर्य ग्रहण हैं। इसलिए यह साल का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटा पूर्व आरंभ सुबह 6: 03 बजे शुरू हो जाएगा। सनातन धर्म में ग्रहण का खास महत्व है।
गंगा स्नान, दान, जाप, पाठ आदि करें
- ग्रहण के दौरान गंगा स्नान, दान, जाप, पाठ आदि किया जाता है। ग्रहण से देश, प्रदेश के साथ आमजन भी प्रभावित होंगे। गर्भवती महिला और रोगी को छोडकर किसी को भी कुछ खाना पीना नहीं चाहिए जबकि गर्भवती को चाकू नहीं चलाना चाहिए। शयन आदि से बचकर पल्लू में गेरु रखे, ईश्वर की पूजा करे। भारद्वाज पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण शाम 4.23 बजे से आरंभ होकर 6.19 बजे तक रहेगा। वहीं दूसरे पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण शाम 4.42 बजे से 5.08 बजे तक रहेगा। चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को खंडग्रास के रुप में दिखाई देगा, दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर शाम को 6 बजकर 19 मिनट रहेगा। पूर्वकाल रहेगा 3 घंटे 40 मिनट
मेष, सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के लिए शुभ—
- ज्योतिषाचार्य राजीव सचदेवा के अनुसार सूर्य ग्रहण का शुभ प्रभाव मेष, सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि वाले लोगों पर पड़ेगा। इन राशि वालों को आर्थिक लाभ, मान सम्मान में वृद्धि समेत अन्य कार्यो में सफलता मिलेगी। वहीं चंद्र ग्रहण का शुभ प्रभाव मिथुन, कर्क, कुंभ राशि वालों पर पड़ेगा। शेष राशि वालों को हानि, स्त्री पीड़ा, व्यथा आदि परेशानी का सामना करना होगा।