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कानपुर अग्निकांड: भूतल पर आग और छत के जीने पर था ताला, 100% तक जल गए थे दंपती और तीनों बेटियां…

पोस्टमार्टम प्रभारी डॉक्टर नवनीत चौधरी के अनुसार पांचों के शव 100 प्रतिशत जले हुए थे। दानिश का दाहिनी हाथ आधा गल गया था। वहीं, बेटी इनाया की शरीर की हड्डी दिखने लगी थी। सभी के मुंह और नाक में कार्बन मिला है।

कानपुर में चमनगंज के प्रेमनगर में पांच मंजिला इमारत में रविवार की रात आग लगने से पांच लोग जिंदा जल गए। नीचे भयंकर आग और पांचवीं मंजिल की छत के जीने के दरवाजे पर ताला लगा था। इसके बीच फंसे दंपती और उनकी तीन मासूम बेटियों की जान चली गई।

बचाव कार्य में लगे कर्मियों को कारोबारी मो. दानिश (45) और उनकी पत्नी नाजली सबा (40) का शव चौथी मंजिल की सीढि़यों पर मिला, जबकि तीनों बेटियों के शव तीसरी मंजिल की सीढ़ी के नीचे मिले। ऐसा लगता है कि यह लोग छत पर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दरवाजे पर ताला लगा होने और अंदर आग व धुएं की वजह से खुद को नहीं बचा सके।

आग बुझाने में लगा पांच लाख लीटर से ज्यादा पानी
बता दें कि रविवार की रात 8:25 बजे बिजली के मीटर की चिंगारी से भड़की आग का तांडव 9 घंटे 10 मिनट तक चला। आग को बुझाने के लिए नौ फायर टेंडर को 77 चक्कर लगाने पड़े तब जाकर सोमवार सुबह 5:35 बजे आग बुझी। आग बुझाने में पांच लाख लीटर से ज्यादा पानी की बौछार की गई। आठ घंटे से ज्यादा चले बचाव कार्य में 75 से ज्यादा कर्मी लगे थे।

दीवार तोड़कर निकाला गया शव
साथ ही, हाइड्रोलिक प्लेटफार्म और एक रेस्क-यू वाहन का भी इस्तेमाल किया गया। कड़ी मशक्कत के बाद देर रात 3:30 बजे दानिश और उनकी पत्नी नाजली सबा के शव निकाले गए। वहीं, रेस्क्यू टीम ने 5:34 बजे उनकी बेटियों सारा, सिमरा और इनाया के शव को मकान के दाहिनी ओर स्थित चप्पल के कारखाने की तरफ दीवार तोड़कर निकाला।

आग की वजह से तीनों जिंदगी हार गईं
वहीं, तीनों बेटियों सारा (15), सिमरा (12) और इनाया (07) ने खुद को सुरक्षित करने के लिए जीने के नीचे छिप गई थीं, लेकिन दमघोंटू धुएं और आग की वजह से तीनों जिंदगी से हार गईं। दानिश, पिता अकील को सुरक्षित निकालने के बाद पत्नी और बेटियों को बचाने के लिए अंदर गए थे। इसके बाद वह भी बाहर नहीं निकल सके।

मुंह और नाक में मिला है कार्बन
एसडीआरएफ की टीम ने भी दंपती और बेटियों के अलग-अलग शवों को देखकर भागमभाग के दौरान एक दूसरे का साथ छूटने की आशंका जताई है। पोस्टमार्टम प्रभारी डॉक्टर नवनीत चौधरी के अनुसार पांचों के शव 100 प्रतिशत जले हुए थे। दानिश का दाहिनी हाथ आधा गल गया था। वहीं, बेटी इनाया की शरीर की हड्डी दिखने लगी थी। सभी के मुंह और नाक में कार्बन मिला है।

शवों को चमड़ा मंडी स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया
दानिश की पत्नी नाजली का मायका नेपाल में है। शाम को नाजली की मां नौसवा खातून, फैजल व उसका छोटा भाई शहर आए। इसके बाद रात आठ बजे शवों को चमड़ा मंडी स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। दो साल पहले तक दानिश सेना को जूते की अपूर्ति करते थे। वर्तमान में वह भाई कासिफ के साथ रियल इस्टेट का कारोबार भी कर रहे थे।

चार-चार लाख रुपये का मिलेगा मुआवजा
वहीं, सोमवार शाम को करीब 5:54 बजे अचानक मौसम बदलने और आंधी चलने पर आसपास के लोगों ने दानिश के फ्लैट से फिर धुआं उठते व आग की लपटें देखीं। इस पर दमकल की गाड़ी बुलाई गई और बगल के धर्मेंद्र के मकान से पाइप डालकर आग को काबू किया गया। मृतकों को आपदा कोष से चार-चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।

दिल दहलाने वाले मंजर को देख लोग कांप गए
पांच मंजिला भवन में हुए भीषण अग्निकांड के दूसरे दिन आग की भयावहता का मंजर देख लोगों के दिल कांप गए। खामोशी के बीच कमरे के कुछ हिस्से से उठता धुआं नजर आया। वहां जाने पर पुलिस और प्रशासन की ओर से सख्ती लगा दी गई। भूतल में जूते के कारखाने से लगी आग ने पूरी बिल्डिंग को जलाकर खाक कर दिया। चमड़ा और केमिकल के कारण धधकती आग के बीच दमकल कर्मी पानी की बौछार करने के बाद भी अंदर फंसे परिवार को नहीं बचा सके।

एक-एक कोना जलकर राख
अग्निकांड के दूसरे दिन सोमवार को पूरी बिल्डिंग आग से तपती रही। कमरों के प्लास्टर टूट-टूटकर गिरते रहे। छतों पर लगे पंखे टेढ़े हो गए थे, जबकि बल्ब व रॉड फट गए। आग ने एक-एक कोने को जलाकर राख कर दिया था। आसपास इलाके के सैकड़ों लोगों ने मौके पर पहुंचकर बिल्डिंग का हाल देखा तो उनके रोंगटे खड़े हो गए। मोबाइल से विभित्सा का वीडियो बनाने के बाद पुलिस को हटाने के बाद चले गए।