हरियाणा में किसानों को डीएपी खाद लेने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जींद के जुलाना और नारनौल में सरकारी खाद की दुकान पर किसानों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, लेकिन पर्याप्त खाद न मिलने के कारण उन्हें घंटों इंतजार के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। डीएपी की कमी और सीमित आपूर्ति के चलते स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है।
15 बैग की सीमा से बढ़ी चिंता
प्रशासन द्वारा एक किसान को केवल 15 बैग डीएपी खाद एक आधार कार्ड पर देने की सीमा तय की गई है। हालांकि, किसानों की संख्या अधिक है और खाद की उपलब्धता सीमित, जिस कारण सभी किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रहा है। किसान चिंतित हैं कि गेहूं की बुवाई के समय उन्हें खाद नहीं मिल पाएगा, जिससे उनकी फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है।
प्रशासन का बयान
सरकारी खरीद केंद्र के इंचार्ज प्रदीप कुमार का कहना है कि किसानों को 15 बैग प्रति आधार कार्ड के हिसाब से डीएपी खाद दी जा रही है, और प्रशासन किसानों को कोई परेशानी नहीं होने दे रहा। इसके बावजूद, किसानों की संख्या अधिक होने से मांग पूरी नहीं हो पा रही है।
महिलाओं की भी भागीदारी
नारनौल से मिली खबरों के मुताबिक, 15 दिन बाद डीएपी की खेप पहुंचने पर भी स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है। कोऑपरेटिव सोसायटी के बाहर लंबी कतारें देखी जा रही हैं, जिसमें महिलाएं भी सुबह-सुबह से शामिल हो रही हैं। 1150 बैग डीएपी की खेप पहुंचने के बावजूद किसानों के बीच खाद को लेकर आपसी विवाद भी देखने को मिला, जिसके चलते पुलिस की मदद लेनी पड़ी।