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दरियाबाद में विकास पुरुष की भूमिका निभाने वाले पहले विधायक बने सतीश शर्मा

दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने जाने वाले सतीश चंद्र शर्मा ने अपने 5  साल के कार्यकाल में जिस तरह आम जनमानस के मध्य अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, उसने उन्हें वास्तविक जनप्रतिनिधि की भूमिका मे ला खड़ा कर दिया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में इस क्षेत्र को शायद ऐसा पहला जनप्रतिनिधि मिला है जो जनता के सुख-दुख में सहभागी होकर हर समय क्षेत्र में उपलब्ध रहता है।

2017 के विधानसभा चुनाव में दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा द्वारा श्री शर्मा को दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र का प्रत्याशी घोषित किया गया। शुरुआती दौर में जिस तरह से संभावित प्रत्याशियों की आपसी रस्साकसी चली उससे लगा की शायद श्री शर्मा को मुंहकी खानी पड़े लेकिन ज्यों-ज्यों चुनाव का कारवां बढा त्यों-त्यों श्री शर्मा के पीछे मतदाताओं एवं समर्थकों की लाइन लंबी होती चली गई। सारे कयासों को धता बताते हुए श्री शर्मा ने सपा एवं कांग्रेस के संयुक्त प्रत्यासी पूर्व मंत्री राजीव कुमार सिंह को भारी मतो के अंतर से पराजित कर क्षेत्र में केसरिया झंडा फहरा दिया। प्रदेश भाजपा द्वारा श्री शर्मा की प्रत्याशिता को महत्व देने के पीछे उनकी पारिवारिक विरासत का बहुत बड़ा योगदान रहा।

श्री शर्मा का परिवार शुरु से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा से जुड़ा रहा है, श्री शर्मा के बाबा डॉ अवधेश शर्मा जिले के जाने पहचाने एवं निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ताओं की सूची में गिने जाते थे। 1985 के दौर में श्री अवधेश शर्मा भारतीय जनता पार्टी बाराबंकी के जिलाध्यक्ष रहे, डॉ शर्मा की पार्टी के प्रति निष्ठा, योग्यता एवं मिलनसार व्यवहार हमेशा उन्हें पार्टी में अग्रिम पंक्ति में खड़ा करता रहा। जब तक वह रहे पार्टी को विस्तार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी 1989 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर 70 सांसदों के साथ वर्चस्व में आई,1991 के चुनाव में पहली बार भाजपा को पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाने का मौका मिला.

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि 5 साल के कार्यकाल में विधायक सतीश शर्मा पूरी तरह से जनता के बीच जुड़े रहे, लोगों के सुख- दुख में सहभागी बने, ऐसा शायद कोई दिन रहा हो जब श्री शर्मा क्षेत्र में मौजूद न रहे हों श्री शर्मा जनता के वास्तविक प्रतिनिधि की भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन किया है। उनकी इस खासियत की चर्चा उनके आंतरिक विरोधियों को छोड़कर आम जनता के बीच कभी भी सुनी जा सकती है।

कोरोना जैसी बीमारी के दौरान भी विधायक श्री शर्मा घर पर नहीं बैठे बल्कि क्षेत्र में घूम घूम कर गरीबों मजदूरों व असहाय लोगों को भोजन उपलबद्ध कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया  हैं। अन्य दलों के नेता कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधि घरों में बैठे लाकडाउन का पालन कर रहे थे ,वही विधायक श्री शर्मा अपनी चिंता छोड़कर लोगों की चिंता करते हुए क्षेत्र में सक्रिय रहे थे । विधायक सतीश शर्मा ने दरियाबाद में जिस तरीके से विकास की गंगा बहाई है वह इतिहास में एक मिसाल कायम कर रही है .यही कारण है कि श्री शर्मा जी को दरियाबाद का विकास पुरुष कहा जाता है .