Breaking News

कश्मीर के मसले पर पाकिस्तानी पत्रकार को एस. जयशंकर ने दिया करारा जवाब, कर दी बोलती बंद

विदेश मंत्री एस. जयशंकर(Foreign Minister S. Jaishankar) को उनकी हाजिर जवाबी(quick wit) के लिए जाना जाता है। अमेरिका, (America)ब्रिटेन समेत कई देशों के दौरों (Tours of many countries including Britain)पर वह पत्रकारों को भी एकदम सटीक जवाब देते रहे हैं। अब वह ब्रिटेन पहुंचे तो वहां चैथलम हाउस में एक थिंकटैंक के कार्यक्रम में उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार को कश्मीर के मसले पर जो जवाब दिया, उससे उसकी बोलती ही बंद हो गई। एस. जयशंकर का जवाब खूब सुर्खियां बटोर रहा है और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

निसार नाम के पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल पूछा था, ‘कश्मीर का मसला सुलझ नहीं रहा है। भारत ने कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है। डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ताना रिश्ते हैं। क्या इन रिश्तों का इस्तेमाल करके पीएम नरेंद्र मोदी कश्मीर की समस्या का हल निकाल सकते हैं। कश्मीर में 70 लाख लोग हैं और उन पर कंट्रोल करने के लिए 10 लाख सैनिक तैनात हैं।’

पाकिस्तानी पत्रकार का इतना सवाल था कि फिर एस. जयशंकर ने जवाब देना शुरू किया और निसार की बोलती ही बंद हो गई। उन्होंने दोटूक कहा कि कश्मीर के मसले का हल हम लगभग निकाल चुके हैं। इस दिशा में हमने कदम भी उठाए हैं। पहला यह कि आर्टिकल 370 हटाया जा चुका है। इसके अलावा दूसरा कदम यह है कि हमने आर्थिक ग्रोथ के लिए भी कदम उठाए हैं। इससे जम्मू-कश्मीर का तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि तीसरा कदम सोशल जस्टिस का है। एस. जयशंकर ने कहा कि अब कश्मीर में किसी भी तरह के सामाजिक अन्याय के लिए जगह नहीं है। इस तरह हमने जम्मू-कश्मीर के मसले को लगभग सुलझा लिया है। अब वही हिस्सा बचा है, जिसे पाकिस्तान ने अवैध कब्जे से ले रखा है। पाकिस्तान उस हिस्से को लौटा दे तो पूरे मसले का ही हल हो जाए।

जयशंकर के इस दोटूक जवाब के पाकिस्तानी पत्रकार चुप हो गया, जबकि वह मौजूद ऑडियंस देर तक तालियां बजाती रही। पहले भी एस. जयशंकर पीओके के मसले को उठाते रहे हैं और कई बार उन्होंने उसे वापस लेने का संकल्प दोहराया है। इस संबंध में भारत की संसद में भी प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसमें पीओके को वापस लेने का संकल्प जताया गया था। जयशंकर ने 9 मई, 2024 को भी कहा था कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है। भारत का हर राजनीतिक दल उसे वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने डीयू के छात्रों से बातचीत में कहा था, ‘मैं पीओके के बारे में यही कहूंगा कि संसद से लिया गया एक संकल्प है। हर राजनीतिक दल पीओके वापस लेने को तत्पर है, जो भारत का ही हिस्सा है। यह हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता और संकल्प है।’