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Russia-Ukraine War: सिविरोदोनेस्क में यूक्रेनी लड़ाकों ने रूसी सैनिकों को घेरा

यूक्रेन (Ukraine) के पूर्वी हिस्से, दोनबास में लुहांस्क के सबसे बड़े शहर सिविरोदोनेस्क (svyrodonsk) पर कब्जा करने के लिए रूसी सेना (Russian army) एक हफ्ते से भी ज्यादा समय से जूझ रही है। शुक्रवार को रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि शहर के 80 फीसदी हिस्से पर उसका कब्जा है। अब यूक्रेनी लड़ाकों (Ukrainian fighters) ने अप्रत्याशित तरीके से सिविरोदोनेस्क में रूसी सैनिकों (Russian soldiers) को घेर लिया है।

लुहांस्क के गवर्नर सेरही गैदाई ने बताया कि यूक्रेम को हथियार और अतिरिक्त जवानों की मदद मिली है। इससे लगभग पूरे शहर पर कब्जा कर चुके रूसी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया है। कल तक यूक्रेनी बलों की घेराबंदी कर रही रूसी सेना अब खुद घिरने लगी है।

यूक्रेन के मुताबिक, शनिवार को ज्यादातर रूसी सैनिक शहर से निकल गए और दूर से तोपों से गोले बरसा रहे हैं। उधर, रूस ने सिवेरस्की दोनेत्स नदी के दूसरे छोर पर बसे लाइस्कांस शहर की ओर सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। इस पर भी वह अब तक कब्जा नहीं कर पाई है।

पुतिन ने अफ्रीकी देशों को दिया खाद-उर्वरक निर्यात का भरोसा
अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष मैकी साल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध का असल खामियाजा अफ्रीका को भुगतना पड़ रहा है। इस दौरान पुतिन ने इस बात से इनकार किया कि वह यूक्रेन को गेहूं का निर्यात करने से रोक रहे हैं। साथ ही उन्होंने अनाज और उर्वरक निर्यात का भरोसा भी दिया। संयुक्त राष्ट्र का कहना है, अनाज की कमी के कारण 140 करोड़ लोग प्रभावित हैं। इनमें 80 करोड़ अफ्रीका से हैं। पिछले साल यह संख्या 50 करोड़ थी। इसके कारण बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो सकता है।

जंग खत्म होने के बाद भारत से सुरक्षा की गारंटी चाहता है यूक्रेन
रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन अलग-अलग देशों से समर्थन मांग रहा है। वह चाहता है कि जंग खत्म होने के बाद भारत उनके देश के लिए सुरक्षा की गारंटी बने। राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, यूक्रेन ने कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर इस बारे में भारत से संपर्क साधा है। यूक्रेन उम्मीद कर रहा है कि युद्ध के बाद बुनियादी सुविधाओं को फिर से पटरी पर लाने के काम में भी भारत मदद करेगा।

भारत वहां 230 टन दवाएं और मानवीय मदद से जुड़ी अन्य चीजें भेज चुका है। इसमें सरकार के अलावा प्राइवेट कंपनियों से दी गई मदद भी शामिल है। दवा कंपनियों ने ही 7-8 मिलियन डॉलर की मदद भेजी है। यूक्रेन कह चुका है कि रूस ने उसके बंदरगाह भी ब्लॉक कर दिए हैं और समुद्री इलाकों में माइंस बिछा दी हैं। इस कारण से यूक्रेन समंदर के रास्ते अनाज निर्यात नहीं कर पा रहा।

हथियार ले जा रहे यूक्रेनी विमान को मार गिराया
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, शनिवार को उसकी फौजों ने काला सागर के ओडेसा पोर्ट के पास यूक्रेनी सेना के ट्रांसपोर्ट विमान को मार गिराया। इसमें पश्चिमी देशों से आए हथियार और गोला-बारूद ले जाए जा रहे थे। साथ ही, ओडेसा के बाहरी इलाके के सुमी में मिसाइल हमला कर एक सैन्य प्रशिक्षण केंद्र को नष्ट कर दिया गया। यहां विदेशी प्रशिक्षण दे रहे थे।

रूस के एअरोफ्लोत ने कोलंबो के लिए उड़ानें रद्द कीं
श्रीलंका में अपनी एयरबस ए 330 जेट जब्त किए जाने पर रूसी कंपनी एअरोफ्लोत ने कोलंबो के लिए सभी वाणिज्यिक उड़ानें रद्द कर दी हैं। एअरोफ्लोत ने कहा कि वापसी टिकट जिन यात्रियों के पास बाद की तारीखों के मास्को के टिकट हैं, उन्हें भी निर्धारित समय पर घर लाया जाएगा। श्रीलंका एयरपोर्ट एंड एविएशन सर्विसेज ने बताया था, अनुमति न मिलने पर दो जून को मॉस्को जाने जाने वाली उड़ान रोक दी गई थी।