यूक्रेन की सेना ने देश के पूर्व में रूस की सेना को रोकने के लिए शनिवार को गांव-गांव तक लड़ाई लड़ी, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने बंदरगाह शहर मारियुपोल में बमबारी से नष्ट हुई इमारतों के अंतिम रक्षात्मक गढ़ से नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की।
यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार, अनुमानित एक लाख नागरिक शहर में रहते हैं और तकरीबन एक हज़ार नागरिकों ने सोवियत युग के विशाल इस्पात संयंत्र में पनाह ली है। यूक्रेन ने यह नहीं बताया है कि संयंत्र में कितने सैनिक मौजूद हैं।
रूस की सरकार समर्थित मीडिया ने शनिवार को बताया कि अज़ोवस्तल इस्पात संयंत्र से 25 नागरिकों को निकाला गया था, हालांकि संयुक्त राष्ट्र से इस बात की पुष्टि नहीं हुई। रूस की आरआईए नोवोस्ती समाचार एजेंसी ने बताया कि 19 वयस्कों और छह बच्चों को बाहर निकाला गया है, हालांकि ज्यादा जानकारी नहीं दी गयी।
अज़ोव रेजीमेंट के एक शीर्ष अधिकारी, जो कि संयंत्र की सुरक्षा करने वाली यूक्रेनी इकाई है, ने कहा कि संघर्ष विराम के दौरान 20 नागरिकों को निकाला गया था, हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि क्या वह उसी समूह का उल्लेख कर रहे थे जैसा कि रूस के समाचारों में बताया गया था। रेजीमेंट के टेलीग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में स्वतोस्लाव पालामार ने कहा, ”ये महिलाएं और बच्चे हैं।”