दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर तैयार करने के लिए रेलवे ने सर्वे शुरू कर दिया है। इस हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर में बुलेट ट्रेन चलाने की प्रस्तावित योजना के मद्देनजर एरिया की फिजिबिल्टी की भी जांच की जा रही है। उत्तरी रेलवे ने पंजाब के अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पूडा) के साथ मिलकर इसके डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर पर काम शुरू कर दिया है।
2019 में भारत सरकार की ओर से देश में 6 नए हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर की प्लानिंग की गई थी, जिसमें दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर भी शामिल है। उत्तरी रेलवे अब पूडा के साथ मिलकर पंजाब की जमीन पर इस कॉरिडोर के पड़ने वाले हिस्से के तहत आने वाले गांवों की जमीन अधिग्रहण की प्रकिया जल्द ही शुरू करेगी।
पंजाब व हरियाणा के 321 गांवों की जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए अधिगृहीत की जानी है। जल्द ही किसानों की जमीन अधिग्रहण करने के लिए पंजाब सरकार की ओर से मुआवजे राशि को लेकर भी नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। बताया जा रहा है किसानों को पांच गुना तक अधिग्रहण के एवज में मुआवजा दिया जाएगा।
दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेल कॉरिडोर कुल 465 किलोमीटर को होगा। यह कॉरिडाेर दिल्ली से शुरू होकर चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस नए हाई स्पीड कॉरिडोर में चलने वाली बुलेट ट्रेन की स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी। महज दो घंटे में दिल्ली से अमृतसर का सफर तय होगा। दिल्ली से अमृतसर के बीच यह ट्रेन चंडीगढ़ समेत 13 स्टेशनों पर रुकेगी।
इस बुलेट ट्रेन में एक बार में करीब 750 यात्री सफर कर सकेंगे। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुल 343 गांवों से जमीन अधिग्रहण की जाएगी। इस हाई स्पीड कॉरिडोर में 13 रेलवे स्टेशन पड़ेंगे, इनमें दिल्ली, आसौधा, रोहतक, जींद, कैथल, संगरूर, मालेरकटोला, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे के साथ लगते नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के साथ गुजरता नजर आएगा।
पंजाब के इन जिलों में होगा भूमि अधिग्रहण
केंद्र सरकार पंजाब के कुल 186 गांवों की जमीन का अधिग्रहण करेगी। इसमें मोहाली के 39, जालंधर के 49, लुधियाना के 37, अमृतसर के 22, फतेहगढ़ साहिब के 25, कपूरथला के 12 तथा तरनतारन व रूपनगर जिले के एक-एक गांव शामिल हैं। नई रेलवे लाइन के दायरे में आने वाले गांवों के किसानों के साथ आईआईएमआर एजेंसी की ओर से बैठकों का दौर जारी है। किसानों को जमीन के लिए प्रत्येक गांव के कलेक्टर रेट से पांच गुना अधिक राशि दी जाएगी। इस संबंध में केंद्र व रेलवे के अधिकारी बड़े पैमाने पर सर्वे कर रहे हैं।