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पंजाब सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को 1 करोड़ की आर्थिक सहायता राशि और छोटी बहन के लिए सरकारी नौकरी की बड़ी घोषणा की

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बड़ा ऐलान किया है. मान ने कहा है कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसान शुभकरण को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. मान ने मृतक किसान की छोटी बहन को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया है.

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी साझा की है. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है- खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी.. उचित कानूनी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. ड्यूटी कर रहा हूं..

खनूरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी.

इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

10 दिनों से चल रही है प्रदर्शन

बता दें कि MSP सहित अन्य मांगों को लेकर किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पिछले 10 दिन से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दावा किया है कि बुधवार को पुलिस से झड़प के दौरान खनौरी बॉर्डर पर 21 साल के एक किसान की मौत हो गई, जिसके बाद किसान लगातार भड़के हुए हैं. इस किसान का नाम शुभकरण सिंह है.

शहीद’ का दर्जा दिए जाने की मांग

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाबी भाषा में एक पोस्ट में कहा, ‘खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी. दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’ जानकारी हो कि किसान नेताओं ने शुभकरण सिंह को ‘शहीद’ का दर्जा दिए जाने की भी मांग की थी.

सीएम मान ने किया पोस्ट

भगवंत मान ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरन सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फर्ज निभा रहे हैं।’

मौत के बाद यह मार्च दो दिन के लिए रोका गया

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. किसान नेताओं ने शुभकरण सिंह की मौत हो जाने के बाद बुधवार को यह मार्च दो दिन के लिए रोक दिया था.