पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) में कांग्रेस मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार जल्द घोषित करेगी। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खुद ऐलान कर चुके हैं कि पार्टी सभी की पसंद के सीएम उम्मीदवार का नाम सबके सामने रखेगी। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि क्या पार्टी चुनाव के बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के अलावा किसी और नेता पर दांव लगा सकती है। क्या नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) भी चेहरा हो सकते हैं?
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पद पर हैं और सिद्धू की महत्वाकांक्षा किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में पार्टी के लिए यह फैसला करना आसान नहीं है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, यह निर्णय करने में कोई दिक्कत नहीं है। सिद्धू के मुकाबले चन्नी के पास अपना वोट है और वह मौजूदा सीएम हैं। इसके साथ संगठन में भी सिद्धू के मुकाबले उनकी लोकप्रियता और पकड़ मजबूत है। ऐसे में यह लगभग तय है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी।
रोहतक की महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि कांग्रेस चन्नी की जगह सिद्धू या किसी अन्य को पार्टी का चेहरा घोषित करती है, तो दलित वोट पार्टी से घिसक सकता है। पार्टी को पंजाब के साथ दूसरे प्रदेशों में भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
चुनावी समीकरण भी चन्नी के ही पक्ष में
पंजाब में करीब 32 फीसदी दलित मतदाता है। यह देश के किसी अन्य राज्य के मुकाबले सबसे ज्यादा है। राजनीतिक दलों के लिए दलित वोट कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चुनाव आयोग को गुरु रविदास जयंती की वजह से मतदान की तिथि में बदलाव करना पड़ा। कांग्रेस चन्नी के चेहरे पर चुनाव लड़ती है, तो दलित वोट का बड़ा हिस्सा पार्टी को मिल सकता है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पार्टी सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करती है, तो बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा। क्योकि, सिद्धू की गिनती प्रदेश के बड़े जटसिख नेताओं में नहीं होती है। ऐसे में पार्टी के सामने विकल्प सीमित है। पार्टी को चुनाव जीतना है, तो चरणजीत चन्नी पर ही दांव लगाना होगा।