पंजाब में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर फेंसिंग के भीतर सप्ताह के अंदर फसल की कटाई का काम पूरा कर लिया जाएगा।
पंजाब में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर फेंसिंग के भीतर सप्ताह के अंदर फसल की कटाई का काम पूरा कर लिया जाएगा। खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि जीरो लाइन पर गेहूं की बिजाई देरी से होती है, जिस कारण फसल में देरी से पकती है।
उन्होंने कहा कि अधिकतर क्षेत्रों में फसल की कटाई हो भी चुकी है, जहां रह गई है, वहां कटाई का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। किसानों पर किसी भी तरह की दबाव नहीं डाला जा रहा है और वे अपने हिसाब से ही फसल की कटाई कर रहे हैं। सरकार इसमें उनका पूरा साथ दे रही है।
उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर किसानों को जल्दी फसल काटने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। आग के कारण हुए फसल के नुकसान का सरकार आकलन कर रही है। सभी किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। सीएम मान ने इस संबंध में फैसला लेना है। उन्होंने कहा कि इस बार मंडियों में बंपर फसल आई है। पहले फसल आने में 28 से 30 दिन लगते थे, लेकिन इस बार 15 से 18 दिन में ही इतनी फसल आ गई है। इस गेहूं के झाड़ में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि उठान का काम भी सही रूप से चल रहा है और अब तक 47.37 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठान हो चुका है।
यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ी गेहूं की निजी खरीद
उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं की मांग बढ़ी है, जिस कारण व्यापारियों ने भी रिकाॅर्ड गेहूं की खरीद की है। इससे किसानों को फायदा हुआ है। इस बार 8 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है, जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम पर अपनी फसल बेचने का मौका मिला। गेहूं की निजी खरीद बढ़ने से आटे के रेट बढ़ेंगे, इस सवाल पर कटारूचक्क ने कहा कि यह सब केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केंद्र गेहूं की खरीद करता है।
हरियाणा ने अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल किया, अब बेवजह बना रहा दबाव
मंत्री कटारूचक्क ने कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है और बेवजह का उन पर दबाव बनाया जा रहा है। पंजाब में पहले ही पानी की भारी कमी है।